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सीएमआर मिलिंग का अनुबंध करने में केवल एक-दो मिलर्स को ही क्यों हो रही परेशानी, कागजी कार्रवाई पूर्ण करने की बजाय नान प्रबंधक व नान कर्मचारी पर लगा रहे निराधार व बेबुनियाद आरोप

कटनी। मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के द्धारा अनुबंध पर धान की कस्टम मिलिंग के मामले को लेकर नान के जिला प्रबंधक और नाम कर्मचारी पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं क्योंकि जिले में 70 के लगभग मिलर्स धान की कस्टम मिलिंग नान से अनुबंध के आधार पर करते हैं लेकिन इस मामले को लेकर केवल एक-दो मिलर्स को ही परेशानी हो रही है जो बेवजह के बेबुनियाद आरोप नान प्रबंधक की कार्यप्रणाली को लेकर लगा रहे हैं। वहीं शेष मिलर्स नान कार्यालय की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हैं तथा उनके द्धारा किसी प्रकार के आरोप कार्यप्रणाली को लेकर नहीं लगाए जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जो मिलर्स नान प्रबंधक व नान कर्मचारी पर आरोप लगा रहे हैं वो कस्टम मिलिंग की शर्तों पर खरे नहीं उतर रहे और बिना उचित दस्तावेजों के अनुबंध प्राप्त करना चाह रहे हैं। गौरतलब है कि जय जगदम्बे दाल मिल संचालक ने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित एक अन्य कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक को शिकायती पत्र भेजा है। शिकायती पत्र में सीएमआर मिलिंग अनुबंध 5 रूपये प्रति क्विंटल की अवैध राशि की मांग करना तथा न देने पर अनुबन्ध में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है। जब इस पूरे मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि जिले में नान से अनुबंध के आधार पर लगभग 70 मिलर्स धान की कस्टम मिलिंग करते हैं और उनके द्धारा किसी प्रकार के आरोप नान प्रबंधक पर नहीं लगाए जा रहे हैं। केवल एक दो मिलर्स के द्धारा ही ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं, जो निराधार और बेबुनियाद हैं। बताया जाता है कि आरोप लगाने वाजे मिलर्स अनुबंध की शर्तों के अनुसार दस्तावेज जमा नहीं कर रहे हैं और अनुबंध न होने पर नान प्रबंधक सहित नान में पदस्थ कर्मचारियों को मीडिया के माध्यम से बदनाम करने की धमकी दे रहे हैं और हुआ भी कुछ ऐसा ही है। बहरहाल अब यह स्पष्ट हो गया है कि कुछ मिलर्स का स्वयं का काम सिद्ध नहीं हो रहा है तो वो बेवजह के आरोप लगाकर नान की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। मीडिया को भी चाहिए वो ऐसे मिलर्स से सावधान रहे हैं और आरोपों की गंभीरता से पुष्टि करने के बाद ही न्यूज को प्रसारित करें। उधर दूसरी तरफ शासन प्रशासन के अधिकारियों को भी चाहिए कि वो ऐसे मिलर्स की निराधार और बेबुनियाद शिकायतों को गम्भीरता से न लेकर शिकायतों की जांच कराए और आरोप सही न पाए जाने पर शिकायत करने वाले मिलर्स पर भी कार्रवाई करें। जिससे लोग इस तरह के निराधार आरोप लगाने के पहले सोच विचार करें।

शराब पीकर पहुंचते हैं नान आफिस

नान में पदस्थ कुछ कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ मिलर्स ऐसे हैं जो शराब पीकर कार्यालय आते हैं और अनुबंध की कागजी कार्रवाई पूर्ण करने की बजाय बेवजह की बहस करते हैं और जबरन के आरोप लगाकर कार्यालय की कार्यप्रणाली को बदनाम करने की धमकी देते हैं।

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