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13 Oct 2024, Sun

कौन हैं बांग्लादेश के होने वाले अंतरिम प्रधानमंत्री Muhammad Yunus ? नोबेल पुरस्कार विजेता ने पेरिस से लौटकर कहा- मिली दूसरी बार आजादी

Muhammad Yunus

Who is Nobel laureate Muhammad Yunus : बांग्लादेश में भीषण विद्रोह चल रहा है। करीब 440 लोगों से ज्यादा अबतक मारे जा चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत आ चुकी हैं। और इन सबके बाद आज यानी 8 अगस्त को बांग्लादेश के होने वाले अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस पेरिस से अपने देश अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ लेने आ चुके हैं। यूनुस खान स्वास्थ्य कारणों से पेरिस में मौजूद थे। बांग्लादेश की मिलिट्री, छात्रों और विपक्ष की सिफारिश के बाद यूनुस प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के लिए पेरिस से दुबई के रास्ते अपने वतन लौट आए जहां से वे सीधे प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास बंगभवन गए।

Who is Nobel laureate Muhammad Yunus : जैसे ही मुहम्मद यूनुस ने ढाका में लैंड किया, उनका बयान आया कि बांग्लादेश को दूसरी बार स्वतंत्रता मिली है, यह बांग्लादेश का दूसरा ‘विजय दिवस’ है और लोगों को इसकी रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, हमें ऐसी सरकार बनानी होगी जो अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस आजादी का फायदा बांग्लादेश के हर घर तक पहुंचना चाहिए। इसके बिना, इसे दूसरी बार हासिल करना किसी मतलब का नहीं होगा।

बता दें कि अंतरिम प्रधानमंत्री का मतलब होता है बांग्लादेश में फिर से चुनाव होने तक यानी निर्वाचित सरकार बनने तक यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार देश की कमान संभालेगी। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन अंतरिम सरकार को शपथ दिलाएंगे। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-ज़मा ने कल कहा था कि अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 8 अगस्त की शाम 8 बजे आयोजित किया जा सकता है, जिसमें लगभग 400 लोग मौजूद रहेंगे।

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अब जानते हैं मौहम्मद यूनुस के बारे में
मुहम्मद यूनुस की उम्र (Muhammad Yunus age) इस समय 84 साल की है। साल 1940 में यूनुस का जम्म स्वतंत्रता-पूर्व अविभाजित बंगाल प्रेसीडेंसी के बथुआ गांव में हुआ था। मुहम्मद यूनुस एक व्यापारी परिवार में नौ बच्चों में से तीसरे हैं।

यूनुस के पिता का नाम हाजी दुला मिया सौदागर था। वे सोने-चांदी का बिजनेस करते थे यानी एक जौहरी थे। हालांकि उनका जन्म एक गांव में हुआ था, उन्होंने अपनी पढ़ाई चटगांव के बंदरगाह शहर में की, जहां वे एक सक्रिय बॉय स्काउट थे और उन्हें 1952 में पाकिस्तान और भारत की यात्रा करने का अवसर मिला। बता दें कि चटगांव को चटग्राम भी बोला जाता है जो बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह (पोर्ट) और दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

जानिये मुहम्मद यूनुस की शिक्षा के बारे में, फिर जानेंगे उनकी उपलब्धियां और जेल की कहानी
मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में ढाका यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कि फिर वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के लिए अमेरिकी के टेनेसी पहुंच गए। यूनुस को यहां पढ़ने के लिए फुलब्राइट स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने यहां से अपनी पीएच.डी. डिग्री की। 1969 में वेंडरबिल्ट से अर्थशास्त्र में और अगले साल मिडिल टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए। बांग्लादेश लौटकर, यूनुस ने चटगांव यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विभाग को हेड किया।

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1993 से 1995 तक, प्रोफेसर यूनुस महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समूह (International Advisory Group for the Fourth World Conference on Women) के सदस्य थे।उन्हें इस पद पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव द्वारा नियुक्त किया गया था। उन्होंने महिला स्वास्थ्य के वैश्विक आयोग, सतत आर्थिक विकास के लिए सलाहकार परिषद (Advisory Council for Sustainable Economic Development) और महिलाओं और वित्त (Women and Finance) पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समूह में काम किया है।

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किसलिए मौहम्मद यूनुस को 2006 में क्यों मिला नोबेल पुरस्कार
‘गरीबों के लिए बैंकर’ (banker to the poor) के नाम से जाने जाने वाले मुहम्मद यूनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक (Grameen Bank) ने ग्रामीण गरीबों को 100 डॉलर से कम राशि के छोटे लोन देकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की। इसके लिए साल 2006 में मुहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। ग्रामीण बैंक स्थापित करने का मकसद उन गरीबों की मदद करना था, जो आमतौर पर साधारण बैंकों में नहीं पहुंच पाते हैं।