महेन्द्र गोयनका से संपर्क में रहने वालों से भी पूछताछ कर सकती है पश्चिम बंगाल पुलिस, धोखाधड़ी, साजिश व षडयंत्र के मामले में बढ़ सकता है जांच का दायरा, शिकायतकर्त्ता ने भी जताई मामले में कई लोगों के शामिल होने की आशंका

कोलकाता(YASHBHARAT.COM)। मध्यप्रदेश के कोतमा में छापेमारी करने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने महेन्द्र गोयनका, मनीष गोयनका, सुनील कुमार अग्रवाल और अन्य पर दर्ज जालसाजी व आपराधिक षडयंत्र के मामले में जांच का दायरा बढ़ा दिया है तथा कोतमा से खाली हाथ लौटने के बाद आरोपियों के मोबाइल की काल डिटेल निकालने के बाद उनसे संपर्क में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ शुरू कर रही है। जिसके कारण पश्चिम बंगाल पुलिस कभी भी कटनी व जबलपुर पहुंच कर यहां भी आरोपियों से संपर्क में रहने वाले लोगों से पूछताछ कर सकती है। गौरतलब है कि धोखाधड़ी कर कटनी/जबलपुर की कंपनी में कब्जा के षड्यंत्र वाले महेंद्र गोयंका उसके मनीष गोयनका सहित सुनील अग्रवाल और सम्मति जैन के खिलाफ कोलकत्ता में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज है। धोखाधड़ी के इस प्रकरण में बीतेदिनों पश्चिम बंगाल पुलिस ने अनूपपुर जिले के कोतमा में छापे मारी की थी लेकिन कोलकाता पुलिस के आने की भनक लगते ही सभी आरोपी भाग गए। कोतमा के जिस मोटर सायकल शोरूम में कोलकाता पुलिस के द्धारा छापेमारी की गई थी वह मामले के मुख्य आरोपी महेंद्र गोयनका का है। उल्लेखनीय है कि कोलकाता में दर्ज एफआइआर के तहत कोलकाता पुलिस की टीम कोतमा पहुंची थी। यह पूरा मामला महेन्द्र गोयनका, उसके भाई मनीष गोयनका, सुनील कुमार अग्रवाल और अन्य सहयोगियों के खिलाफ है। आरोप है कि इन सभी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक कंपनी पर अवैध कब्जा करने की साजिश रची। इस आरोप के तहत प्रकरण भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा का जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120बी(आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोतमा में छापेमारी के बाद यहां से खाली हाथ लौटने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले में जांच का दायरा बढ़ा दिया है और अब महेन्द्र गोयनका सहित सभी आरोपियों के मोबाइल नंबरों की काल डिटेल निकलवा रही है। काल डिटेल निकालने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस आरोपियों के संपर्क में रहकर मामले में साजिश व षडयंत्र रचने वाले लोगों से भी पूछताछ शुरू कर रही है। जिससे आने वाले समय में कोलकाता पुलिस कटनी व जबलपुर पहुंच कर आरोपियों के संपर्क में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ शुरू कर सकती है। बताया जाता है कि मामले में शिकायतकर्त्ता के द्धारा भी यह संदेह व्यक्त किया गया है कि इस साजिश व षडयंत्र में कटनी व जबलपुर के कई लोग शामिल हैं।