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शिव और गौरी की आराधना के मंगल उत्सव गणगौर पर्व के उपलक्ष में राजस्थानी समाज के तत्वाधान में निकाली गयी शोभायात्रा

शिव और गौरी की आराधना के मंगल उत्सव गणगौर पर्व के उपलक्ष में राजस्थानी समाज के तत्वाधान में निकाला गया जुलू

कटनी। राजस्थान विवाह भवन ट्रस्ट कमेटी, राजस्थान समाज राजस्थान महिला मंडल के तत्वाधान में गणगौर का जुलूस आज राजस्थान भवन से गर्ग चौराहे से निकल गया बड़ी संख्या में इस जुलूस में महिलाएं और समाज के प्रबुद्ध जन शामिल हुए। गणगौर पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि से आरंभ होता है इसमें कन्या मिट्टी के शिव यानी गण और माता पार्वती यानी गौर बनाकर विधि विधान से पूजा करती हैं गणगौर का त्योहार स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति का पर्व है

 

महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और कुंवारी कन्या श्रेष्ठ व की कामना के लिए गणगौर पर्व का विधि विधान से पूजन करती हैं शाम को सूर्यास्त के बाद गणगौर को पानी पिलाने के बाद जलाशय एवं तालाबों और कुओं में विसर्जित करने का विधान है इसे शिव और गौरी की आराधना का मंगल उत्सव भी कहा जाता है। गणगौर पर आयोजित जुलूस राजस्थान भवन गर्ग चौराहे से आरंभ होकर ज्वाला चक्की कपड़ा खेरमाई मढ़िया,गहोई धर्मशाला आजाद चौक शेर चौक होते हुए जगन्नाथ मंदिर में जुलूस का समापन किया गया राधा कृष्ण और शिव पार्वती का नित्य जुलूस में आकर्षण का केंद्र है इसके साथ ही जीवंत झांकियां भी जुलूस में शामिल हुई जगह-जगह पुष्प वर्षा से जुलूस का स्वागत बंधन शहर के धर्म प्रिय लोगों द्वारा किया गया।

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