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साल का आख़िरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को, बड़े शहरों में भाद्रपद पूर्णिमा पर दिखेगा ब्लड मून

साल का आख़िरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को, बड़े शहरों में भाद्रपद पूर्णिमा पर दिखेगा ब्लड मून

साल का आख़िरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को, बड़े शहरों में भाद्रपद पूर्णिमा पर दिखेगा ब्लड मून। आसमान में खगोलीय अद्भुत नज़ारा देखने को तैयार हो जाइए। साल 2025 का आख़िरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर, रविवार की रात लगने जा रहा है।

साल का आख़िरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को, बड़े शहरों में भाद्रपद पूर्णिमा पर दिखेगा ब्लड मून

खास बात यह है कि यह भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा और ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाएगा। इस वर्ष कुल चार ग्रहण लगेंगे, लेकिन भारतीयों के लिए यह एकमात्र दृश्य चंद्रग्रहण होगा।

चंद्रग्रहण का समय (Chandra Grahan 2025 Date & Time in India)

  • ग्रहण का स्पर्श (आरंभ): रात 9:57 बजे
  • ग्रहण का मध्य: रात 11:41 बजे
  • ग्रहण का मोक्ष (समापन): रात 1:27 बजे (8 सितंबर)
  • सूतक काल की शुरुआत: दोपहर 12:57 बजे से

सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू होकर मोक्ष तक प्रभावी रहता है। इस दौरान पूजा-पाठ वर्जित माने जाते हैं और मंदिरों के पट बंद रहते हैं।

भारत के ये शहर बनेंगे साक्षी

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, पुणे, हैदराबाद, चंडीगढ़ समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में यह चंद्रग्रहण साफ मौसम में नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी।

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

चंद्रग्रहण को धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता। 8 सितंबर की सुबह स्नान-दान के बाद मंदिरों के पट खोले जाएंगे। चूंकि यह ग्रहण पितृपक्ष के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा पर लग रहा है, इसलिए आचार्यों के अनुसार श्राद्ध कर्म और पितृ तर्पण ग्रहण से पहले ही कर लेना चाहिए।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ और कुछ के लिए चुनौतीपूर्ण फलदायी हो सकता है। इस समय किया गया जप-तप और दान कई गुना फल देता है।

सूर्यग्रहण का दुर्लभ संयोग

खास बात यह भी है कि इस वर्ष 21 सितंबर 2025 को महालया अमावस्या पर सूर्यग्रहण लगेगा। इस तरह चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण का यह संयोग खगोल और ज्योतिष दोनों दृष्टियों से दुर्लभ माना जा रहा है।

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