खबर का असर:-ढीमरखेड़ा तहसीलदार चार बिन्दुओं में जांच करवाकर सौंपे जांच प्रतिवेदन, विधि विरूद्ध रूप से तीन प्रकरणों में तत्कालीन एसडीएम ने नामांतरण आदेश किये थे पारित, शिकायत पर कलेक्टर ने लिया संज्ञान, मिसल बंदोबस्त में क्या थी स्थिति करायें अवगत

कटनी। मप्र शासन के द्वारा पट्टे पर प्रदान की गई शासकीय अहस्तांतरणीय भूमि को नियम विरूद्ध तरीके से तत्कालीन एसडीएम ढीमरखेड़ा विंकी उईके के द्वारा अपील के तीन नामांतरण प्रकरणों में आदेश पारित किये गये थे। उपरोक्त संबंध में शिकायतकर्ता के द्वारा विभिन्न अभ्यावेदन संबंधित अधिकारियों को किये गये हैं। जिसमें संज्ञान लेते हुये कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के द्वारा तहसीलदार ढीमरखेड़ा से उपरोक्त तीनों प्रकरणों के संबंध में रिपोर्ट तलब करते हुये चार बिन्दुओं पर जांच प्रतिवेदन मांगा है। स्मरण रहे कि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ढीमरखेड़ा विंकी उईके के द्वारा अपीलीर्थियों को लाभ पहुंचाने की मंशा से शासकीय अहस्तांतरणीय भूमि पर नामांतरण के आदेश किये है। जबकि अधिनस्थ न्यायालयों के द्वारा तीनों प्रकरणों को खारिज किया गया था और अपने आदेश में यह स्पष्ट अंकित किया गया कि उपरोक्त भूमि मिशन बंदोबस्त के दौरान शासकीय अहस्तांतरणीय भूमि कालम नम्बर 12 पर दर्ज थी, लिहाजा नामांतरण नहीं किया जा सकता है। तीनों प्रकरणों में अपीलीर्थियों के द्वारा अपील एसडीएम के समक्ष की गई। जिसमें विधि का घोर उल्लंघन कर अपीलार्थी को लाभ पहुंचाने की मंशा से अपने पद का दुरूपयोग कर तत्कालीन एसडीएम के द्वारा शासकीय अहस्तांतरणीय भूमि पर नामांतरण के आदेश किये है।
ये है तीन मामले
प्रकरण क्रमांक-1
अधिनस्थ न्यायालय नायब तहसीलदार उमरियापान, तहसील ढीमरखेडा, जिला कटनी के द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक-0717/अ-6/2024.25, आदेश दिनांक 30/12/2024, आवेदक बबली पिता बेनी प्रसाद निवासी सिहोरा के द्वारा ग्राम जमुनिया पहन-28, रानिमं-28, राजस्व निरीक्षक मंडल उमरियापान में स्थित कृषि भूमि खसरा नं-1, 13, 21, 22, 27 रकबा 0.65, 0.20, 202, 0.57, 0.03 है। भूनि का नामांतरण किये जाने न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें न्यायालय के द्वारा पटवारी रिपोर्ट आहूत की गई। हल्का पटवारी के द्वारा बताया गया कि मिसल बंदोबस्त में उक्त भूमि शासकीय पट्टे की भूमि होकर अहस्तांतरणीय भूमि है। लिहाजा अधिनस्थ न्यायालय के द्वारा आवेदक का आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया। तत्पश्चात अपीलार्थी के द्वारा अपीलीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ढीमरखेड़ा के समक्ष एक अपील अंतर्गत धारा 44 म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत अपील पेश की गई। जिसका राजस्व प्रकरण क्रमांक-0063/अपील/2024-25 होकर आदेश दिनांक 13/02/2025 को अपीलार्थी को लाभ पहुंचाने की मंशा से तत्कालीक एसडीएम के द्वारा अधिनस्थ न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज करते हुये नामांतरण आदेश पारित कर अपीलार्थी को लाभ पहुंचाया गया।
प्रकरण क्रमांक.2
इसी तरह से अधिनस्थ न्यायालय तहसीलदार ढीमरखेड़ा, तहसील ढीमरखेड़ा, जिला कटनी के द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक-0417/अ.-06/2019-20, आदेश दिनांक 06/03/2020, आवेदक अशोक कुमार कोल पिता मुल्लू कोल, निवासी रविन्द्रनाथ टैगोर वार्ड, अमीरगंज कटनी, तहसील व जिला कटनी म.प्र. के द्वारा मौजा-साहडार, पहनं-29, रानिमं-ढीमरखेड़ा में स्थित खसरा नं-45 रकवा 1.55 हेक्टेयर भूमि का नामांतरण किये जाने न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें न्यायालय के द्वारा पटवारी रिपोर्ट आहूत की गई, हल्का पटवारी के द्वारा बताया गया कि मिसल बंदोबस्त में उक्त भूमि शासकीय पट्टे की भूमि होकर अहस्तांतरणीय भूमि है। लिहाजा अधिनस्थ न्यायालय के द्वारा आवेदक का आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया। तत्पश्चात अपीलार्थी के द्वारा एक अपीलीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ढीमरखेड़ा के समक्ष एक अपील अंतर्गत धारा 44 मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत अपील पेश की गई। जिसका राजस्व प्रकरण क्रमांक 0001/अपील/2025-26 पक्षकार अशोक कुमार कोल विरुद्ध मंलगा उर्फ मंलता गौंड, आदेश दिनांक 17/04/2025 में भी अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा अपीलार्थी को लाभ पहुंचाने की मंशा से नामांतरण आदेश पारित किये गये। यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि अधिनस्थ न्यायालय तहसीलदार ढीमरखेड़ा के द्वारा वर्ष 2020 में नामांतरण आवेदन पत्र खारिज किये गये है। बावजूद इसके अपीलीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा के द्वारा धारा 5 मियाद अधिनियम का कोई उल्लेख पारित नामांतरण आदेश में न करते हुये नियम विरूद्ध आदेश पारित किया गया।
प्रकरण क्रमांक-3
इसी तरह से एक और अन्य प्रकरण में अधिनस्थ न्यायालय तहसीलदार ढीमरखेड़ा, तहसील ढीमरखेड़ा, जिला कटनी के द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक-0416/31-06/2019-20, आदेश दिनांक 06/03/2020, आवेदक अशोक कुमार कोल पिता मुल्लू कोल, निवासी रविन्द्रनाथ टैगोर वार्ड, अमीरगंज कटनी, तहसील व जिला कटनी मप्र के द्वारा मौजा-साहडार, पहनं-29, रानिमं-ढीमरखेड़ा में स्थित खसरा नं-49 रकवा 1.55 हे भूमि का नामांतरण किये जाने न्यायालय तहसीलदार ढीमरखेड़ा के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें न्यायालय के द्वारा पटवारी रिपोर्ट आहूत की गई, हल्का पटवारी के द्वारा बताया गया कि मिसल बंदोबस्त में उक्त भूमि शासकीय पट्टे की भूमि होकर अहस्तांतरणीय भूमि है। लिहाजा अधिनस्थ न्यायालय के द्वारा आवेदक का आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया। तत्पश्चात अपीलार्थी के द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ढीमरखेड़ा के समक्ष एक अपील अंतर्गत धारा 44 मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत अपील पेश की गई। जिसका राजस्व प्रकरण क्रमांक-0002/अपील/2025-25 पक्षकार अशोक कुमार कोल विरुद्ध प्रेम सिंह गौड़ आदेश दिनांक 17/04/2025 में भी तत्कालीक एसडीएम श्रीमती विंकी उईके सिंहमारे द्वारा अधिनस्थ न्यायालय के आदेश को अनदेखा करते हुये शासकीय अहस्तांतरणीय भूमि पर नामांतरण आदेश पारित किये है।
जांच में होंगे कई खुलासे
सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से इन तीनों प्रकरणों में घोर लापरवाही बरती गई है। ऐसे कई और भी प्रकरण है जिसमें तत्कालीन एसडीएम के द्वारा विधि का घोर उल्लघंन कर संबंधित पक्षकारों को लाभ पहुंचाने की मंशा से ऐसे कई आदेश पारित किये है। शिकायतकर्ता के द्वारा यह भी मांग की गई है कि विंकी उईके की पदस्थापना दिनांक से स्थानांतरित होने तक अपील के जितने भी प्रकरणों में नामांतरण के आदेश किये गये है सभी प्रकरणों को पुन: सुनवाई में लेकर गुणदोष के आधार पर उनका निराकरण किया जाये। जिससे और भी प्रकरणों के संबंध में खुलासे हो सके।