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MP के स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं, परीक्षा परिणाम से होगी पहचान

MP के स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं, परीक्षा परिणाम से होगी पहचान

MP के स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं, परीक्षा परिणाम से होगी पहचान। एमपी बोर्ड 10वीं व 12वीं परीक्षा सात फरवरी से शुरू होंगी। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। नौवीं से 12वीं तक की तिमाही परीक्षा 28 अगस्त से शुरू होंगी, जो सितंबर तक चलेंगी। वहीं छमाही परीक्षाएं दिसंबर में होंगी।

परीक्षा के परिणाम को सुधारने के लिए प्रयास

MP के स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं, परीक्षा परिणाम से होगी पहचान
विभाग ने वार्षिक और बोर्ड परीक्षा के परिणाम को सुधारने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है। इन दोनों परीक्षाओं में कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित किया जाएगा और उनके लिए अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी। अगर इन परीक्षाओं में ज्यादा विद्यार्थी कमजोर निकलकर आए, तो उनकी तैयारी कराने में शिक्षकों को ज्यादा मेहनत करनी होगी। इसके लिए अभी से प्राचार्यों को निर्देश देकर बच्चों की तैयारियों पर जोर दिया जाएगा।

छमाही परीक्षाएं होने के बाद अतिरिक्त विशेष कक्षाएं लगेंगी

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों की छमाही परीक्षाएं होने के बाद अतिरिक्त विशेष कक्षाएं लगेंगी। प्राचार्यों को लक्ष्य दिया जाएगा कि जनवरी तक उन्हें हर विषय में दक्ष बनाना होगा। इसके बाद रिवीजन कराया जाएगा। विद्यार्थियों की जो कमजोरियां और समस्याएं हैं, उनका समाधान शिक्षक कक्षाओं में ही करेंगे।

जनवरी के प्रथम सप्ताह तक पूरा कराना होगा सिलेबस

एमपी बोर्ड परीक्षा फरवरी के प्रथम सप्ताह में शुरू होंगी। इस कारण शिक्षकों को दिसंबर अंत तक और जनवरी के प्रथम सप्ताह तक सिलेबस पूरा कराना होगा। इसी माह प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी करानी होंगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अध्यापन पर पूरा फोकस किया जाए।

शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई कराई जाए। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों की मौजूदगी पर ध्यान देना जरूरी है। शिक्षकों की समय पर स्कूल में उपस्थिति होगी तो अध्यापन के भी परिणाम सामने आएंगे।

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