Latest

Bengal Assembly Row: शुभेंदु के बाद शंकर का भी निलंबन, BJP-TMC में जमकर घमासान

Bengal Assembly Row: शुभेंदु के बाद शंकर का भी निलंबन, BJP-TMC में जमकर घमासान

Bengal Assembly Row: शुभेंदु के बाद शंकर का भी निलंबन, BJP-TMC में जमकर घमासान। पश्चिम बंगाल विधानसभा में उस समय भारी हंगामा हो गया, जब मुख्य सचेतक शंकर घोष को सस्पेंड कर दिया गया। इस फैसले के बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा के भीतर ही नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मार्शल और सुरक्षा कर्मियों को घोष को बाहर निकालने के लिए आगे आना पड़ा।

Bengal Assembly Row: शुभेंदु के बाद शंकर का भी निलंबन, BJP-TMC में जमकर घमासान

भाजपा विधायक घोष को घेरे रहे और उन्हें बाहर जाने से रोकने लगे। शंकर घोष भी अपनी सीट पर डटे रहे, जिसके चलते सदन के भीतर धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच झड़प हुई। मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया। इस दौरान भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष के घायल होने की खबर है। मामला इतना बढ़ गया कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विधायकों को शांत कराना पड़ा। इससे पहले बंगाल भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष को दिन की शेष कार्यवाही के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने भारी हंगामा करने की वजह से यह कार्रवाई की।

दरअसल, भाजपा विधायकों ने जानना चाहा कि 2 सितंबर को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को क्यों निलंबित किया गया था। जब घोष ने जाने से इनकार कर दिया, तो विधानसभा मार्शल बुलाए गए और उन्हें घसीटकर सदन से बाहर निकाल दिया गया। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों के असंसदीय आचरण की निंदा की और कहा कि वे बंगाली प्रवासियों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित एक गंभीर चर्चा को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे थे। अराजकता बढ़ने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

कब और कैसे बिगड़े हालात?

गुरुवार को सत्र के दूसरे हिस्से में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाली भाषा और बंगालियों के अपमान के विरोध में भाषण दे रही थीं। उससे पहले भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल को बोलना था, लेकिन जब उनका नाम पुकारा गया, वह मौजूद नहीं थीं। ऐसे में स्पीकर ने मुख्यमंत्री को बोलने का अवसर दिया। इसी बीच अग्निमित्रा पॉल आ गईं। भाजपा विधायकों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया कि उन्हें बोलने का मौका दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने भी स्पीकर से आग्रह किया कि अग्निमित्रा को बोलने दिया जाए। स्पीकर ने अनुमति तो दी, लेकिन उनका बोलने का समय घटा दिया। निश्चित समय पूरा होते ही उनका माइक बंद कर दिया गया और मुख्यमंत्री भाषण देने खड़ी हुईं। मुख्यमंत्री ने बंगाली भाषा पर हमले को लेकर जैसे ही बोलना शुरू किया, शंकर घोष ने नारेबाजी शुरू कर दी।

 

वह लगातार शुभेंदु अधिकारी के निलंबन का मुद्दा उठाते रहे और आरोप लगाया कि उस पर अलग-अलग बयान दिए जा रहे हैं। स्पीकर ने कई बार उन्हें चेताया, लेकिन घोष नहीं माने। आखिरकार मुख्यमंत्री को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा।

इसके बाद स्पीकर ने शंकर घोष को सस्पेंड कर दिया। लेकिन घोष अपनी सीट से हटने को तैयार नहीं हुए। भाजपा विधायकों ने उन्हें घेर लिया। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर ले जाने की कोशिश की, जिसके चलते सदन में जमकर धक्का-मुक्की हुई। अंततः मुख्यमंत्री खुद वेल में उतरीं और अपनी पार्टी के विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर बैठने का निर्देश दिया।

भारी हंगामे के बीच ममता बनर्जी बोलने के लिए उठीं और भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बंगाल विरोधी होने और बंगालियों के उत्पीड़न पर चर्चा को रोकने का आरोप लगाया। विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा भ्रष्टों की पार्टी है, वोट चोरों की पार्टी है। वो सबसे बड़ी डकैत पार्टी है। हमने संसद में देखा कि कैसे उन्होंने हमारे सांसदों को परेशान करने के लिए सीआईएसएफ का इस्तेमाल किया।’

विपक्षी सदस्यों को चेतावनी देते हुए और हमला और तीखा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘मेरे शब्दों को याद रखिए, एक दिन ऐसा आएगा, जब इस सदन में भाजपा का एक भी विधायक नहीं बैठेगा। लोग आपको सत्ता से बाहर कर देंगे। केंद्र में पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली सरकार जल्द ही गिर जाएगी।’

इस हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। अधिकारी ने बंगाली में लिखे एक पोस्ट में लिखा, ‘आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोकतंत्र की हत्या करने वाली ममता और उनके गुलाम प्रशासन की ओर से लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।’

Back to top button