शासकीय कन्या महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका सुनीता श्रीवास्तव हुई सेवानिवृत्ति दी गई भावविनी विदाई

शासकीय कन्या महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका सुनीता श्रीवास्तव हुई सेवानिवृत्ति दी गई भावविनी विदा
कटनी- कन्या महाविद्यालय की प्राध्यापिका सुनीता श्रीवास्तव, समाजशास्त्र की वरिष्ठ प्राध्यापिका 35 वर्षों से अधिक की शैक्षणिक सेवा के उपरांत सेवानिवृत्त हुईं। इस अवसर पर महाविद्यालय में एक गरिमामयी विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उनके लंबे और प्रेरणादायी शैक्षणिक सफर को स्मरण किया गया। श्रीमती श्रीवास्तव ने अपने करियर की शुरुआत सन् 1989 में शासकीय महाविद्यालय, बालाघाट से की थी। इसके पश्चात उन्होंने शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी और शासकीय कन्या महाविद्यालय, पन्ना में भी अध्यापन कार्य किया। अंततः शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी में निरंतर अध्यापन करते हुए उन्होंने अपनी सेवाएँ पूर्ण कीं। श्रीमती श्रीवास्तव ने अपने अध्यापन कार्यकाल के दौरान हमेशा सहज और सौम्य व्यवहार बनाए रखा। उनकी मुस्कान और सकारात्मक दृष्टिकोण ने छात्राओं और सहकर्मियों के बीच उन्हें अत्यंत लोकप्रिय बनाया। वे प्रत्येक व्यक्ति से हँसते-मुस्कुराते हुए संवाद करती थीं, जिसके कारण वे सभी के लिए प्रिय थीं। उनके इस व्यवहार ने महाविद्यालय के शैक्षणिक और सामाजिक वातावरण को समृद्ध किया। इस अवसर पर सुनीता श्रीवास्तव ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं महाविद्यालय के लिए जैसे पहले उपलब्ध थी वैसे ही भविष्य में भी रहॅूगी । समारोह में प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने श्रीमती श्रीवास्तव के साथ अपने 37 वर्षों के संबंध को साझा किया। उन्होंने बताया कि दोनों ने लंबे समय तक एक साथ कार्य किया और श्रीमती श्रीवास्तव की कार्यशैली और समर्पण हमेशा प्रेरणादायी रहा। डॉ. प्रभात ने उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना की। वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. साधना जैन ने भी श्रीमती श्रीवास्तव के साथ बिताए पलों को याद करते हुए उनके दीर्घ जीवन की शुभकामनाएँ दीं। डॉ. किरण खरादी ने गीत के माध्यम से उनके साथ बिताए समय को भावुक अंदाज में प्रस्तुत किया। डॉ. अमिताभ पाण्डेय ने श्रीमती श्रीवास्तव के कार्यों को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि उनके कार्यों से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने उनके शैक्षणिक संबंधों के साथ साथ पारिवारिक संबंधों की भी सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजयकांत भारद्वाज ने कुशलतापूर्वक किया। इस अवसर पर श्रीमती श्रीवास्तव के परिजन भी उपस्थित रहे, जिसने समारोह को और भी भावनात्मक बनाया। साथ ही, महाविद्यालय में नवागत प्राध्यापकों डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रोशनी पाण्डेय और पंकज सेन का स्वागत भी किया गया।
समारोह में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ. विमला मिंज, के.जे. सिंहा, बंदना मिश्रा, विनेश यादव, श्री नागेंद्र यादव, डॉ. रीना मिश्रा, डॉ. सपना झारिया, डॉ. अशोक शर्मा और समस्त स्टाफ शामिल रहे। सभी ने श्रीमती श्रीवास्तव के योगदान की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। यह समारोह न केवल उनकी सेवानिवृत्ति का उत्सव था, बल्कि उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अमूल्य योगदान का सम्मान भी था।