धर्म#Shri_Ram_Mandirkatniमध्यप्रदेश

अयोध्या उत्सव के उल्लास में निकली प्रभात फेरी में गूंजा एक ही नारा,एक ही नाम,जय श्रीराम-जय श्रीराम

कटनी। आह्लादित हृदय और प्रफुल्लित अंतर्मन से करुणानिधान, सर्वशक्तिमान भगवान श्रीराम के जन्मभूमि में बन रहे अद्भुत और भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम के विराजित होने के उल्लास में समूची कटनी राममय है।

यहां के गांवों और शहरों में रविवार की सुबह लोगों ने प्रभात फेरियां निकालीं, जिसमें उमड़े जनसैलाब ने गगनभेदी नारे लगाए। एक ही नारा, एक ही नाम, जय श्रीराम-जय श्रीराम ।

इस नारे की गूंज सुनते ही समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया और नर -नारी भक्ति रस से सराबोर हो अभिभूत हो गये। यत्र -तत्र, सर्वत्र मन में राम, तन में राम, रोम -रोम में राम की उक्ति चरितार्थ होती दिखी।

धर्मगुरुओं , पंडितो ,महंतों और मंदिरों के पुजारियों के मार्गदर्शन और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से कटनी में श्रीरामोत्सव के पुण्य अनुष्ठान की खुशियां मनाईं जा रही हैं। जिले की जनता धर्मानुरागी है,रामभक्त है।

पौराणिक आख्यानों और मान्यताओं के अनुसार वनवास के समय दक्षिण भारत की ओर जाते समय श्रीराम कटनी जिले के क्षेत्र से होते हुए गये थे। लोगों में आज भी जिले के इन स्थानों के प्रति गहरी आस्था और श्रद्धा है।

यहां का हर गांव , हर शहर और हर घर श्रीराम की प्रतिमा के प्राण – प्रतिष्ठा समारोह के जश्न में शरीक होकर धन्य होना चाहता है। इस उत्सवी समारोह का हिस्सा बन कर श्रीराम की भक्ति में लीन होने उद्यत है।

जिले के हर घर, हर मंदिर, हर जलाशय , हर आंगनबाड़ी केंद्र में दीपोत्सव होगा। मंदिरों की साफ-सफाई होगी। मंदिरों में रामायण पाठ, रामलीला का मंचन और मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन चरित्र पर प्रसंगों की प्रस्तुतियां होंगी। प्रमुख मंदिरों में एल ई डी टीवी स्क्रीन पर श्रीराम जी के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दिखाया जाएगा। यहां से होकर पवित्र अयोध्या नगरी जाने वाले श्रीराम भक्त तीर्थ यात्रियों का सम्मान किया जायेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में श्रीराम की अयोध्या अपनी विरासत को संजोते हुए विकास की नई राह पर है।अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव और भव्यता को पुनर्स्थापित करने का संकल्प साकार हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर अयोध्या उत्सव की खुशी में कटनी में दीपावली के पहले ही, ठीक उसी तरह की दीपावली मनाने की तैयारी को आतुर है, जैसे -त्रेतायुग में 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी के बाद दीपावली मनाई गई थी।

Back to top button