Revised Return In GST: जीएसटी में रिवाइज्ड रिटर्न की मांग, जनहित याचिका के समर्थन में आए पेशेवरों के संगठन

Revised Return In GST: जीएसटी में रिवाइज्ड रिटर्न की मांग, जनहित याचिका के समर्थन में आए पेशेवरों के संगठन। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में दाखिल किए जाने वाले रिटर्न में त्रुटि सुधार (रिवाइज्ड) की सुविधा देने की मांग के साथ शहर और प्रदेश के कर पेशेवरों के संगठन एक हो गए हैं।
मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (सीटीपीए) ने बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें रिवाइज्ड रिटर्न की मांग रखते हुए इस मामले पर लगी जनहित याचिका के समर्थन का प्रस्ताव पारित करने की उम्मीद है।
मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन ने मामले पर बयान जारी कर कहा है कि जीएसटी में रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा नहीं देना करदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया के अनुसार सेंट्रल एक्साइज एक्ट, सेवाकर अधिनियम, मप्र जीएसटी एक्ट, मप्र वैट एक्ट और आयकर अधिनियम में भी प्रविधान है कि रिटर्न या फार्म में त्रुटि होने पर करदाता उसमें सुधार कर सकता है।
सिर्फ जीएसटी ही ऐसा कर कानून है जिसमें रिटर्न में त्रुटि सुधार का भी मौका नहीं दिया जा रहा। मामले पर इंदौर के अधिवक्ता प्रदीप कांठेड़ ने जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। दोनों कर सलाहकार संगठन याचिका का समर्थन करते हैं।
छह साल बाद रिटर्न में सुधार करने की है मांग
सर्वोच्च न्यायालय मामले में केंद्र सरकार और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड को नोटिस जारी कर चुका है। याचिका में आगे पेशेवर व अन्य सहयोग के लिए संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली भी पहुंचेंगे। कर कानून जीएसटी लागू होने के छह साल बाद भी रिटर्न में सुधार की सुविधा न देना करदाताओं के साथ अन्याय है। ऐसे में कोर्ट के जरिए अधिकार मिलने की उम्मीद है। प्रदेश के करदाताओं के साथ पेशेवरों को भी हम एकजुट करने में जुटे हैं।