देवदूत बनीं प्रभा तिवारी, मानवीय पहल से कन्हवारा अस्पताल में हुआ सुरक्षित प्रसव
देवदूत बनीं प्रभा तिवारी, मानवीय पहल से कन्हवारा अस्पताल में हुआ सुरक्षित प्रसव

कटनी। देवदूत बनीं प्रभा तिवारी, मानवीय पहल से कन्हवारा अस्पताल में हुआ सुरक्षित प्रसव। बस में यात्रा कर रहीं बमोरी बड़वारा निवासी गर्भवती महिला के लिए, उसी बस में यात्रा कर रहीं आशा सुपरवाइजर प्रभा तिवारी ने किसी देवदूत की तरह, अपनी सूझ-बूझ से गर्भवती का पीएचसी कन्हवारा अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने में मदद कर मानवीयता ,संवेदनशीलता एवं कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश की है। जहां अब माता और नवजात शिशु दोनों ही स्वस्थ हैं।
देवदूत बनीं प्रभा तिवारी, मानवीय पहल से कन्हवारा अस्पताल में हुआ सुरक्षित प्रसव
दरअसल बीते बुधवार को ग्राम बमोरी बड़वारा की गर्भवती प्रिया कोल पति अमित कोल, उम्र 27 वर्ष बस से कैमोर जा रही थी, उसी बस से प्रभा तिवारी आशा सुपरवाईजर कन्हवारा अस्पताल में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए जा रही थी। महिला को बस में ही तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। गर्भवती अत्यधिक पीड़ित अवस्था में थीं ,महिला का दर्द असहनीय था, परंतु उसके पति अमित ने अस्पताल में भर्ती कराने से इंकार कर दिया और कहा कि वह उसे विजयराघवगढ़ अस्पताल में ही भर्ती कराएगा।
बस में सवार लोगों ने भी समझाया, लेकिन पति अमित तैयार नहीं हो रहा था।लेकिन आशा कार्यकर्ता ने स्थिति की नजाकत को भांप लिया कि विजयराघवगढ़ तक जाने के बस के सफर में गर्भवती व गर्भस्थ शिशु के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है। ऐसे में आशा कार्यकर्ता की सूझ-बूझ और निरंतर समझाइश की कोशिशें कामयाब हुई और गर्भवती को कन्हवारा अस्पताल में भर्ती करवाने परिजन अंततः सहमत हो गए।
कन्हवारा अस्पताल में पहुंचने के मात्र 10 मिनिट के भीतर ही महिला का सुरक्षित संस्थागत प्रसव हुआ। शिशु का जन्म वजन 2.700 किलोग्राम है तथा माँ एवं शिशु दोनों ही पूर्ण स्वस्थ हैं।
यदि प्रसव बस या रास्ते में होता तो माँ एवं शिशु दोनों के जीवन को गंभीर खतरा हो सकता था। लेकिन आशा सहयोगी प्रभा तिवारी ने समय पर उचित निर्णय लेते हुए अपने अनुभव व ज्ञान का सही उपयोग किया, जिससे एक माँ एवं नवजात शिशु का जीवन सुरक्षित हो पाया। इस नजीर से स्पष्ट होता है कि समय पर सही कदम उठाकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। देवदूत बनीं प्रभा तिवारी, मानवीय पहल से कन्हवारा अस्पताल में हुआ सुरक्षित प्रसव