
बिजनेस डेस्क। अगर अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग करके पोस्ट आफिस में निवेश किया जाए तो इससे करोड़पति बनना संभव है. पोस्ट ऑफिस के पास ऐसे कई फाइनेंशियल प्रोडक्ट हैं इसमें पीपीएफ, रेकरिंग डिपॉजिट, टर्म डिपॉजिट जैसी स्कीम शामिल हैं.

पैसा बनना भला कौन नहीं चाहता, पैसा बनाने के लिए जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है वह है सही जगह पैसा लगाना. पैसा बनाने के लिए आमतौर पर लोग स्टॉक मार्केट, बैंक एफडी, एसआईपी या पीएफ जैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट की तरफ देखते हैं. अब शायद आप ये बात जानकार हैरान हो जाएं की पोस्ट ऑफिस भी आपको करोड़पति बना सकता है. आगे जानिए पोस्ट ऑफिस के जरिए कैसे आप कर सकते हैं अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग.

अगर अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग करके पोस्ट आफिस में निवेश किया जाए तो इससे करोड़पति बनना संभव है. पोस्ट ऑफिस के पास ऐसे कई फाइनेंशियल प्रोडक्ट हैं इसमें पीपीएफ, रेकरिंग डिपॉजिट, टर्म डिपॉजिट, राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी स्कीम शामिल हैं. आगे जानें कितना मिलता है इन स्कीम्स रिटर्न और कितने सालों तक जमा करना होता है पैसा.

डाकघर मासिक बचत आय (Post Office Monthly Income Scheme Account-MIS): डाकघर की मासिक आय खाता योजना ऐसे निवेशकों के लिए होती है जो एकमुश्त राशि का निवेश कर मासिक आधार पर ब्याज पाना चाहते हैं. यह योजना रिटायर्ड कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद उपयोगी होती है. इस खाते में म्योच्योरिटी पीरियड पांच साल होता है. इसमें खाता धारक को जमा पर हर महीने ब्याज मिलता है. मौजूदा समय में इस योजना में 7.50 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे सिंगल या फिर ज्वाइंट दोनों तरह से खोला जा सकता है, दोनों में ही जमा की सीमा अलग अलग है. जैसा कि सिंगल में अधिकतम निवेश 4.5 लाख है तो ज्वाइंट खाते में आप 9 लाख रुपए तक जमा करा सकते हैं.

राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी): अगर आप सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर रिटर्न भी चाहते हैं तो आपको इसका चयन करना चाहिए. इस योजना को सरकारी कर्मचारी, बिजनेसमैन और कर अदा करने वाले अन्य वेतन भोगियों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए जारी किया गया है. इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं होती है. राष्ट्रीय बचत पत्र दो तरह के होते हैं पहल है, टाइप-1 (VIII इश्यू) और दूसरा, टाइप-2 (IX इश्यू). इस पर टीडीएस नहीं कटता है. ट्रस्ट और एचयूएफ इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं. इसमें जमा पर 7.9 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. इसमें जमा पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.

पांच वर्षीय डाकघर Recurring Deposit खाता: यह भी निवेश का एक बेहतर टूल्स है. इसमें आपका पैसा पांच साल के लिए जमा रहता है. इस खाते में जमा पर 7.2 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. साथ ही इस बचत योजना में एक साल के बाद 50 फीसदी रकम निकलाने की व्यवस्था है. ध्यान दें कि प्रति माह इसमें 10 रुपये का निवेश जरूरी है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ): पीपीएफ अकाउंट वेतनभोगी और व्यापारी वर्ग दोनों के लिए ही होता है. इसमें एक वित्तवर्ष में अधिकतम एक लाख रुपए तक के निवेश पर कर छूट का लाभ मिलता है. इसे या एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में जमा किया जा सकता है. यह अकाउंट नाबालिग और बालिग दोनों का हो सकता है. इसका म्योच्योरिटी पीरियड 15 साल है. इसमें जमा पर 7.9 फीसद का ब्याज मिलता है.

वरिष्ठ नागरिक बचत खाता (एससीएसएस): यह बचत योजना खासतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए है. ये 60 की उम्र पार कर चुके लोगों के लिए निवेश का शानदार विकल्प है. हालांकि, 55 साल से 60 साल की उम्र के बीच में रिटायर होने वाले या वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले व्यक्ति भी रिटायरमेंट के तीन माह पहले यह खाता खोल सकते हैं. एक हजार रुपए से यह खाता खोला जा सकता है. इसमें अधिकतम निवेश की सीमा 15 लाख रुपए है. इस अकाउंट का म्योच्योरिटी पीरियड पांच साल है. इस खाते को अपनी पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट के रुप में भी खोला जा सकता है. इस पर 8.4 फीसद की दर से ब्याज मिलता है.

डाकघर सावधि जमा खाता (Post office fixed deposit account): डाकघर सावधि जमा खाता भी निवेश का एक बेहतर माध्यम है, जिसमें आपको 6.8 से 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. यह ब्याज दर आपको पांच वर्षीय खाते पर मिलता है. यह खाता व्यक्तिगत तौर पर खोला जा सकता है. सावधि जमा खाते पर आयकर अधिनियम 80c के तहत आयकर से छूट मिलती है