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इंदौर के एक सरकारी स्कूल में बच्चियों का शोषण का मामला सामने आया, PMO ने लिया संज्ञान

इंदौर के एक सरकारी स्कूल में बच्चियों का शोषण का मामला सामने आया, PMO ने लिया संज्ञान

इंदौर के एक सरकारी स्कूल में बच्चियों का शोषण का मामला सामने आया है. यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंच गया है. पीएमओ ने छात्राओं की शिकायत पर संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहा है. यह मामला 2019 का है.

जितेंद्र सिंह ने पीड़ित परिजनों और अपने वकील के माध्यम से 6 मई 2019 को खुड़ैल थाने, इंदौर के महिला थाने और पुलिस अधीक्षक को सबूतों के साथ लिखित शिकायत दी थी. इसमें आरोप लगाया था कि सरकारी स्कूल में दो शिक्षक नाबालिग छात्राओं से अश्लील बातें करते, पीटने और बाल खींचते थे. इस मामले में छात्राओं के परिजनों ने अपर कलेक्टर से शिकायत की. उन्होंने खुडैल की एसडीएम नीता राठौर को जांच अधिकारी नियुक्त किया और जल्द रिपोर्ट देने का आदेश दिया.

हालांकि अपर कलेक्टर को उस दौरान शिकायतें भी मिली थीं और जांच करने के बाद एसडीएम ने रिपोर्ट भी सौंपी. इसमें छात्राओं के आरोपों की पुष्टि भी हुई, लेकिन आरोपी शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इतने वर्षों तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें सिर्फ न्याय की उम्मीद प्रधानमंत्री से जगी।

हाईकोर्ट एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि आरटीआई (RTI) से खुलासा हुआ है, जिससे पता चला है कि आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. एसडीएम नीता राठौर ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि छात्राओं और महिला शिक्षकों के अनुसार, दोनों पुरुष टीचर्स मानसिक रूप से अस्वस्थ लग रहे हैं. ये छात्राओं से अश्लील बातें करते और बुरी तरह से मारते थे. उन्होंने आगे कहा कि अगर शिक्षकों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई या पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है तो हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे.

तत्कालीन एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट बताया था कि स्कूल के दो शिक्षक बच्चियों से गंदी बातें करते थे. इसके अलावा उन्हें बर्बरतापूर्वक मारते और अशोभनीय व्यवहार करते थे. जांच रिपोर्ट में इन्हें तुरंत बर्खास्त करने की अनुशंसा की गई. आरोप है कि परिजनों ने स्थानीय थाने और महिला थाने में भी शिकायत की. इसके अलावा एसपी तक भी छात्राओं की शिकायत पहुंचाई गई, लेकिन पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज नहीं हुई.

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