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वर्धमान अस्पताल को 43 लाख भारी भरकम मुआवजा देने के आदेश, डॉक्टर और प्रबंधन की लापरवाही पर उपभोक्ता आयोग का ऐतिहासिक फैसला

कटनी(YASHBHARAT.COM)। जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग कटनी ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और अनियमितताओं को लेकर एक ऐतिहासिक और सनसनीखेज फैसला सुनाया है। आयोग ने वर्धमान अस्पताल, चाडक चौक कटनी और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषि जैन को दोषी मानते हुए मृतक मनोज परौहा (23 वर्ष) के परिजनों को 43 लाख 68 हजार रुपये का मुआवजा ब्याज सहित प्रदान करने का आदेश दिया है।

यह मामला 19 जुलाई 2022 से जुड़ा है, जब मनोज परौहा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने पहले आयुष्मान कार्ड से इलाज करने का झांसा दिया लेकिन बाद में 85,000 रुपये का ठेका लिया और 30,000 रुपये नकद लेने के बावजूद कोई रसीद उपलब्ध नहीं कराई। आरोप है कि इलाज के नाम पर न केवल धोखाधड़ी की गई बल्कि मरीज को उचित सुरक्षा और देखरेख भी नहीं दी गई।

घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू 30 जुलाई 2022 की रात सामने आया, जब मनोज अस्पताल की तीसरी मंजिल से नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। जांच में यह साफ हुआ कि अस्पताल की बालकनी और रेलिंग पर सुरक्षा जाली तक नहीं लगी थी। यानी अस्पताल ने बुनियादी सुरक्षा इंतजामों की भी अनदेखी की।

परिवादी रामजी परौहा ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही, सुरक्षा की कमी और अनुचित व्यापार प्रथा अपनाने का आरोप लगाया। मामले की सुनवाई के बाद  न्यायाधीश श्यामाचरण उपाध्याय ने अस्पताल को दोषी ठहराते हुए कठोर आदेश दिया।

1. मृतक के पिता को 13,68,000 रुपये क्षतिपूर्ति दी जाए।

2. इलाज और सुरक्षा में लापरवाही के कारण 25,00,000 रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए।

3. अनुचित व्यापार प्रथा और सेवा में कमी पर 5,00,000 रुपये क्षतिपूर्ति तथा 20,000 रुपये वाद व्यय दिया जाए.

4. यह पूरी राशि 24 अगस्त 2023 से 9% वार्षिक ब्याज सहित दी जाएगी।

परिवादी की ओर से अधिवक्ता भूपेश जायसवाल, राकेश शर्मा, गुलाम सरवर एवं साष्ट्री लॉ चेम्बर एंड एसोसिएट्स ने पैरवी की।

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