Latest

दादी जानकी की पांचवीं पुण्यतिथि पर प्रजापति ब्रम्हकुमारी संस्थान में आयोजित हुई श्रृद्धांजलि सभा, सभी ने अर्पित किए श्रृद्धा सुमन

कटनी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका एवं विश्व में डेल्टा वुमन के नाम से प्रसिद्ध राजयोगिनी दादी जानकी की पांचवीं पुण्यतिथि श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं के साथ मनाई गई। ब्रह्मा कुमारी गोपाल नगर की संचालिका भगवती दीदी ने बताया कि राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म 1 जनवरी 1916 हैदराबाद पाकिस्तान में हुआ। राजयोगिनी दादी जानकी एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थी। उन्होंने महिलाओं द्वारा संचालित दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी आंदोलन का नेतृत्व किया। जानकी दादी 21 वर्ष की थी, जब उन्होंने अपना आध्यात्मिक मार्ग चुना और ब्रह्मा कुमारीज की संस्थापक सदस्य बन गई। अलसुबह 4 बजे से जागरण और ध्यान, उम्र के इस पड़ाव में भी उत्साह युवाओं जैसा, 80 फीसदी चीजें मौखिक याद, ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व की धनी हैं दादी मां जानकी। बी के अजय भाई ने बताया की दुनियाभर के 140 देशों में फैले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी का जीवन आध्यात्म का प्रेरणापुंज है। यही नहीं विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वल्र्ड रिकार्ड भी दादी जी के नाम है। ब्रह्माकुमारी का विश्व की एकमात्र ऐसी संस्था है जो नारी शक्ति द्वारा संचालित है। जीवन के 103 बसंत पार करने के बाद भी आज भी आपकी ऊर्जा और उत्साह देखते ही बनता है। केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के 140 देशों में अपनी मौजूदगी से दादी जी ने लाखों लोगों की जिंदगी में एक सकारात्मक संचार किया है। लोग देखकर, सुनकर, मिलकर प्रेरित हुए हैं जो आज एक अच्छी जिंदगी के राही हैं। उनका एक-एक शब्द लाखों भाई-बहनों के लिए मार्गदर्शक और पथप्रदर्शक बन जाता है। दादी जी के पांचवी पुण्य तिथि मे सृष्टि बहन, अभिलाषा बहन, खुशी, महक, कैलाश सिंह(रिटायर अध्यापक) रण बहादुर सिंह, नवीन पांडे, ओम प्रकाश, आशुतोष गुप्ता, मीना पटेल, सृजना पांडे, मंजू देवासी, पार्वती विश्वकर्मा, कविता बर्मन, सुधा तिवारी, कौशल्या तिवारी, रेनू बजाज, मंजूषा गौतम, सुषमा तिवारी, श्याम साहू सभी भाई बहनों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अंत मे सृष्टि बहन ने सभी को भोग देकर दादी जी की विशेषताओं को जीवन मे धारण करने का विशेष मंत्र दिया, जिससे हम भी अपने जीवन मे विख्यात हो सके।

 

Back to top button