नर्सिंग स्टाफ की मोबाइल लत ने बढ़ाई प्रसूताओं की मुश्किलें: जिला अस्पताल में इलाज की जगह परेशानी
नर्सिंग स्टाफ की मोबाइल लत ने बढ़ाई प्रसूताओं की मुश्किलें: जिला अस्पताल में इलाज की जगह परेशानी

कटनी। नर्सिंग स्टाफ की मोबाइल लत ने बढ़ाई प्रसूताओं की मुश्किलें: जिला अस्पताल में इलाज की जगह परेशानी। ड्यूटी के दौरान मोबाइल का उपयोग: नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही का पर्दाफाश।ड्यूटी टाइम पर मोबाइल में व्यस्त रहता है जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड का नर्सिंग स्टाफ परिजनों ने लगाया आरोप तीन से चार प्रसुताओं को मजबूरन जाना पड़ा ।
नर्सिंग स्टाफ की मोबाइल लत ने बढ़ाई प्रसूताओं की मुश्किलें: जिला अस्पताल में इलाज की जगह परेशानी
कटनी जिला अस्पताल का प्रसूता वार्ड अवस्थाओं के कारण आए दिन सुर्खियों में रहता है कुछ इसी तरह का मामला सोमवार -मंगलवार की दरम्यानी रात सामने आया है जहां तीन से चार प्रसुताओं को इलाज नहीं मिलने के कारण उन्हें उनके प्रिज प्राइवेट अस्पताल ले जाने मजबूर हुए।
यह आरोप प्रसूता के परिजनों ने लगाया है जानकारी के अनुसार ज्योति पति अजीत कुमार पटेल 24 वर्ष निवासी रीठी बिरूहली सोमवार रात 9:00 बजे प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल पहुंची थी लेकिन यहां ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ द्वारा प्रसूता का इलाज नहीं किया गया प्रसूता के पति अजीत का आरोप है।
कि स्टाफ मोबाइल चलाने में व्यस्त था मजबूरन उन्हें आज मंगलवार सुबह तड़के 4:00 बजे ज्योति को जिला अस्पताल से आदर्श कॉलोनी स्थित शारदा अस्पताल ले जाना पड़ा । वहीं इसी वार्ड में भर्ती मोनी पाल पति दीनदयाल जो की भरौला उमरिया निवासी है बीती रात्रि 12:00 बजे उमरिया से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंची थी प्रसूता को खून की कमी थी।
लेकिन स्टाफ द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण प्रसूता के परिजन उसे रात 3:00 बजे मजबूरन शारदा अस्पताल इलाज के लिए लेकर पहुंचे इसी तरह यहां पहुंची दो अन्य प्रसूताओ को भी प्राइवेट अस्पताल नर्सिंग स्टाफ द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण जाना पड़ा। एक और कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने बीते दिनों सप्ताह में अलग-अलग दिन जिला अस्पताल में अधिकारियों को निरीक्षण के लिए और व्यवस्थाओं का जायजा लेने निर्देशित किया है ।
वहीं दूसरी ओर इस तरह की अवस्थाएं जिसमें प्रसूता को परेशान होना पड़ रहा है और नर्सिंग स्टाफ की मनमानी झेलना पड़ रही है यह सब देखकर यही प्रतीत होता है कि अधिकारियों की जांच सिर्फ कागजों तक की सीमित है अस्पताल में अवस्थाएं जस की तस बनी हुई है ज्योति के परिजनों द्वारा जिला अस्पताल में हुई अव्यवस्था की शिकायत 181 पर की गई है जिला अस्पताल प्रबंधन अब ज्योति के परिजनों को शिकायत वापस लेने दबाव बना रहा है ऐसा आरोप ज्योति के परिजनों ने लगाया है। नर्सिंग स्टाफ की मोबाइल लत ने बढ़ाई प्रसूताओं की मुश्किलें: जिला अस्पताल में इलाज की जगह परेशानी
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