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#manifesto: कांग्रेस ने चली तुरुप चाल-गरीबों को देंगे ‘न्याय,’ नौकरी और किसानों को कर्ज से मुक्ति

नई दिल्ली। नौजवानों को नौकरी, किसानों को कर्ज से मुक्ति, हर गरीब परिवार को सुनिश्चित आमदनी, महिलाओं को सुरक्षित माहौल और संस्थाओं की आजादी- इन पांच अहम मुद्दों के साथ कांग्रेस ने 2019 में केंद्रीय सत्ता हासिल करने का दांव चल दिया है। युवाओं को 22 लाख सरकारी नौकरियां के साथ पंचायतों में 10 लाख रोजगार, गरीबी पर वार के लिए सालाना 72 हजार, किसानों की बेहतरी के लिए अलग किसान बजट और हर व्यक्ति को स्वास्थ्य की कानूनी गारंटी जैसे लुभावने वादों से सजे अपने घोषणापत्र के साथ कांग्रेस ने चुनाव में भाजपा के मुकाबले खुद को एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में पेश किया है।चुनावी वादों के पिटारे पर जनता को भरोसा दिलाने के लिए कांग्रेस ने ‘हम निभाएंगे’ के जरिये इन्हें पूरा करने का वचन भी दिया है। इसके साथ ही कर्ज न चुका पाने को किसानों के लिए अपराध नहीं माने जाने की बात भी कही गई है।

देशद्रोह कानून खत्म होगा

चुनाव घोषणापत्र में इन अहम वादों के साथ देशद्रोह कानून के दुरुपयोग को देखते हुए कांग्रेस ने इसे खत्म करने का भी एलान किया है। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर समेत कई अशांत राज्यों में लागू अफस्पा यानी सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम की समीक्षा भी की जाएगी। बिना सुनवाई गिरफ्तार कर जेल में डालने से जुड़े कानूनों में भी बदलाव होगा।

विकास और बदलाव का वादा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। कहा कि पीएम मोदी की तरह वे झूठे वादे नहीं कर सकते। इसीलिए घोषणापत्र में केवल ऐसे वादे किए हैं जो पूरे हो सकते हैं। कांग्रेस ने देश भर में लोगों से व्यापक विचार विमर्श के बाद घोषणापत्र तैयार किया है, इसीलिए इसे जनता की आवाज का नाम दिया गया है। राहुल ने उम्मीद जताई कि विकास और बदलाव के इन वादों पर जनता कांग्रेस को जिताएगी।

किसानों के लिए

-कर्ज मुक्ति का रास्ता बनाने को लाभकारी मूल्य, कम लागत, बेहतर कृषि बीमा और आसान कर्ज के साथ स्थायी राष्ट्रीय किसान आयोग बनाया जाएगा।

-कर्ज नहीं चुकाना फौजदारी अपराध नहीं बल्कि दीवानी अपराध होगा। मतलब जेल नहीं होगी।

– कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए अलग से कृषि बजट।

गरीबों के लिए

-2030 तक गरीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।

-पांच करोड़ सबसे गरीब परिवारों को न्यूनतम आय योजना ‘न्याय’ के तहत हर साल 72 हजार रुपये दिए जाएंगे।

-जिन गरीबों के पास घर नहीं है उन्हें भूखंड मुहैया कराया जाएगा।

-शहरी गरीबों को आवास का अधिकार देने का भी वादा।

युवा और रोजगार

-31 मार्च, 2020 तक 22 लाख रिक्त सरकारी पदों को भरा जाएगा।

-राज्य सरकारों को भी 20 लाख पद भरने के लिए मनाया जाएगा।

-वैज्ञानिकों के खाली पदों को 12 महीनों में भरने का वादा।

-ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों में ‘सेवा मित्र’ के दस लाख नए पद ।

-मनरेगा के तहत रोजगार 100 से बढ़ाकर 150 कार्य दिवस किया जाएगा।

शिक्षा

-सरकारी स्कूलों में 12वीं तक अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा।

-शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसद खर्च होगा।

– शोध और अनुसंधान पर जीडीपी का दो फीसद करेंगे खर्च

महिलाओं के लिए

-लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण के वास्ते 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में बिल पास किया जाएगा।

-केंद्र की नौकरियों में भी 33 फीसद आरक्षण होगा।

कारोबारियों के लिए

– छोटे और मझोले उद्योगों को न्यूनतम मजदूरी और कर नियमों को छोड़ सभी कानूनों से तीन साल की छूट।

-छोटे और मझोले उद्योगों को ऋण दिलाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर छोटे बैंकों की स्थापना।

-छोटे-मझोले उद्यम क्षेत्र को नोटबंदी के कहर से उबारने का वादा

-जीएसटी को सरल और एकल दर का बनाया जाएगा।

-जरूरी सामान और सेवाएं इससे मुक्त रहेंगी।

जन कल्याण

-स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनेगा।

-इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी और निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज।

-अनुसूचित जाति के अधिकारों के लिए वन अधिकार को पूरी तरह लागू किया जाएगा।

-अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों और कमजोरों के खिलाफ घृणा अपराध पर अंकुश लगाया जाएगा।

-पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना करेंगे।

सुरक्षा बल और रक्षा

-पारदर्शिता के साथ सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण को तेज किया जाएगा।

– राफेल और भ्रष्टाचार के दूसरे मामलों की जांच कराई जाएगी।

– ओआरओपी के लागू करने में हुई विसंगतियों को दूर किया जाएगा।

– शहीद परिवारों के लिए मुआवजे की नीति तैयार कर उसे लागू करना।

-आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जाएगा।

-आंतरिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बैंकिंग सुधार और संस्थाएं

-दो या इससे अधिक छोटे सरकारी बैंकों का विलय करके राष्ट्रीय स्तर के छह से आठ बड़े और समृद्ध बैंकों को ही रहने दिया जाएगा।

-सीबीआइ, ईडी, चुनाव आयोग, केंद्रीय सतर्कता आयोग, रिजर्व बैंक की गरिमा और आजादी बहाल की जाएगी।

चुनाव सुधार

– चुनाव बांड खत्म कर राष्ट्रीय चुनाव कोष शुरू करेगी।

– दल-बदल कानून सख्त होगा।

– ऐसा करने वालों को दो साल तक के लिए चुनाव लड़ने और मंत्री बनने के अयोग्य ठहराया जाएगा।

केंद्र-राज्य संबंध

संविधान की सातवीं अनुसूची की समीक्षा की जाएगी।

-दिल्ली में तीन आरक्षित विषयों को छोड़कर बाकी सभी में उपराज्यपाल के लिए राज्य मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना जरूरी होगा।

-पुडुचेरी को नया राज्य बनाया जाएगा।

प्रतिक्रिया

मैं सभी लोगों खासकर युवा और पहली वार वोट करने वालों से आग्रह करती हूं कि हमारा घोषणापत्र पढ़ें। इस चुनाव को असली मुद्दों का चुनाव बनाएं-प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस महासचिव

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