
Kanya Sankranti 2025 Date: इस साल कब है संक्रांति और कब करें दान-पूजा, जानिए । ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक और ग्रहों का राजा माना गया है. हर महीने जब सूर्य देव अपनी राशि बदलते हैं, तो उस तिथि को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि संक्रांति के समय स्नान, दान और पुण्य कर्म करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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Kanya Sankranti 2025 Date: इस साल कब है संक्रांति और कब करें दान-पूजा, जानिए
हर साल जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस विशेष दिन को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, साल 2025 में सूर्य अपनी स्वराशि सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इस घटना को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इस बार लोगों को मन में दुविधा है कि इस बार कन्या संक्रांति 16 सितंबर को है या 17 सितंबर को. पंचांग के अनुसार, साल 2025 में कन्या संक्रांति 17 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन, सूर्य देव के कन्या राशि में प्रवेश के साथ, स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
पूजा और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
कन्या संक्रांति के दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस समय किया गया कोई भी शुभ कार्य कई गुना फल देता है. पंचांग के अनुसार, इस साल कन्या संक्रांति के लिए शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार हैं। Kanya Sankranti 2025 Date: इस साल कब है संक्रांति और कब करें दान-पूजा, जानिए
कन्या संक्रांति के दिन पूजा के शुभ मुहूर्त
पुण्य काल: दोपहर 01:46 बजे से शाम 06:19 बजे तक (कुल अवधि: लगभग 4 घंटे 33 मिनट).
महापुण्य काल: दोपहर 01:46 बजे से दोपहर 03:31 बजे तक (कुल अवधि: लगभग 1 घंटे 45 मिनट)
इस दौरान भक्तों को गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. इसके बाद, सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए और अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए।
क्यों है कन्या संक्रांति का इतना महत्व?
ज्योतिष में, सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. वे आत्मा, पिता और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं. जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. कन्या संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.इस दिन दान-पुण्य करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान होता है. खासतौर पर, इस दिन गाय को घास खिलाना, वस्त्रों का दान करना, और गरीबों को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है. इससे व्यक्ति के मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. इस समय किया गया दान, व्यक्ति को रोग, शोक और दुख से मुक्ति दिलाता है।
संक्रांति के दिन करें इन चीजों का दान?
वस्त्र: गरीब और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें.
अनाज: गेहूं, चावल, या किसी भी अनाज का दान करें.
गुड़ और तिल: इन चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है.
दक्षिणा: दान-पुण्य के साथ दक्षिणा अवश्य दें। Kanya Sankranti 2025 Date: इस साल कब है संक्रांति और कब करें दान-पूजा, जानिए