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IIT BHU: Director and Teachers को बंधक बनाया, 11 घंटे तक छात्रों का प्रदर्शन; पढ़ाई-शोध ठप

IIT BHU: Director and Teachers को बंधक बनाया, 11 घंटे तक छात्रों का प्रदर्शन; पढ़ाई-शोध ठप। आईआईटी बीएचयू परिसर में छात्रा से अश्लीलता से नाराज छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर आए। पठन-पाठन और शोध का काम ठप कर दिया। सुबह 10 बजे से देर रात तक धरना-प्रदर्शन करते रहे। इस बीच छात्रों से बात करने पहुंचे निदेशक प्रो पीके जैन और कई शिक्षकों को जिमखाना क्लब मैदान में बंधक बना लिया गया।

छात्र सुरक्षा और व्यवस्था पर लिखित आश्वासन

मैदान के बाहर निकलने का मुख्य गेट बंद कर दिया गया। इस बीच पुलिस मूक दर्शक बनी रही। छात्र सुरक्षा और व्यवस्था पर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े थे। बताया जा रहा है कि आईआईटी बीएचयू के इतिहास में इतना बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ था। यह पहला मौका है जब एक हजार से ज्यादा छात्र सड़क पर उतर आए।

आईआईटी परिसर में कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास बुधवार आधी रात करीब 1.30 बजे छात्रा से अश्लीलता से छात्र-छात्राएं गुस्से में हैं।

ईआईटी स्टूडेंट पार्लियामेंट

घटना की जानकारी होने के बाद आईआईटी स्टूडेंट पार्लियामेंट ने रात में ही एक सर्कुलर जारी कर बृहस्पतिवार सुबह विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। सुबह 10 बजे बजते ही छात्र-छात्राओं ने शोध और शिक्षण कार्य का बहिष्कार कर दिया। बड़ी संख्या में छात्र राजपूताना हॉस्टल के पास चौराहे पर जुट गए और नारेबाजी करने लगे।

IIT परिसर का स्लोगन लिए छात्र छात्राएं मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग

हाथों में असुरक्षित IIT परिसर का स्लोगन लिए छात्र छात्राएं मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। घटना की निंदा की और कहा कि परिसर में प्रवेश करने संबंधी जगहों पर बैरिकेडिंग लगवाए जाएं। सीसी कैमरे लगवाने के साथ ही घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

निदेशक नहीं मिले तो कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठ गए

दोपहर करीब दो बजे उठकर छात्र निदेशक से मिलने उनके कार्यालय गए। जब निदेशक नहीं मिले तो कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठ गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। यहां भी छात्रों ने आईआईटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई न होने का विरोध जताया। बृहस्पतिवार की देर शाम जिमखाना मैदान पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। इसकी सूचना पर निदेशक सहित तमाम शिक्षक पहुंच गए।

पुलिस-प्रशासन गो बैक-गो बैक, चीफ प्रॉक्टर, एसीपी की बात भी नहीं मानी

निदेशक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं से बात करने आईआईटी बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो सुनील मोहन पहुंचे। उन्होंने सुरक्षा संबंधी मांगों पर नियमानुसार जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन छात्र नहीं माने। एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह को भी वापस जाने को कहा। एसपी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं। धरना जारी रखने का निर्णय लिया। एसीपी के सामने ही पुलिस-प्रशासन गो बैक-गो बैक के नारे लगाए गए। यह देख एसीपी भी वहां से हट गए।

बंद कर दिया गया इंटरनेट, बातचीत पर भी रोक

छात्रा के साथ घटना के बाद छात्रों के विरोध को देखते हुए आईआईटी परिसर में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। आईआईटी बीएचयू प्रशासन का उद्देश्य यह था कि प्रदर्शन को ज्यादा विस्तार न मिल सके। विरोध प्रदर्शन का फोटो, वीडियो भी सोशल मीडिया पर न डाला जा सके।

इसकी जानकारी छात्रों को तब हुई, जब वह इंटरनेट का प्रयोग करने का प्रयास कर रहे थे। खुद छात्रों ने ही धरना स्थल पर इंटरनेट सेवा बंद करने की जानकारी दी।

मामला छात्रा का था, इसलिए आईआईटी प्रशासन ने धरने पर बैठे छात्रों को मैसेज भेजकर किसी से इस मुद्दे पर बातचीत करने से मना कर दिया। मीडिया कर्मियों से बात करने पर रोक लगा दी। लिहाजा, छात्र मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए।

कैंपस में बैरीकेडिंग, बढ़ाएं कैमरा, एकल प्रवेश की हो व्यवस्था

निदेशक कार्यालय पर धरने पर बैठे छात्रों ने कैंपस में प्रवेश वाली जगहों पर बैरिकेडिंग करने और बाहरी लोगों का प्रवेश पर प्रतिबंधित करने की मांग रखी। साथ ही यह भी कहा है कि एकल प्रवेश और निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। छात्रों ने कैंपस के भीतर केंद्रीयकृत सीसी कैमरा सिस्टम लगवाने की मांग की है। सीसी कैमरों की संख्या के साथ ही इससे जुड़े संसाधन भी बढ़वाने की मांग रखी थी।

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