मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सुनाया महत्वपूर्ण फैसला, परिवार में कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है तो नहीं मिलेगा अनुकंपा नियुक्ति लाभ

ग्वालियर(YASHBHARAT.COM)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि मृत कर्मचारी के परिवार में पहले से कोई सदस्य सरकारी नौकरी में कार्यरत है, तो अन्य सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं दिया जा सकता।
मामला ग्वालियर के बहोड़ापुर क्षेत्र का है। यहां मृत कर्मचारी के पुत्र रंजीत सिंह ने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। विभाग ने आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया कि रंजीत के दो भाई पहले से नौकरी में हैं—एक सरकारी सेवा में और दूसरा आउटसोर्स व्यवस्था के तहत कार्यरत है।
बाद में एक भाई के त्यागपत्र देने के बाद रंजीत ने पुनः आवेदन किया, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि “अनुकंपा नियुक्ति कोई अधिकार नहीं, बल्कि नीति के तहत दिया जाने वाला अपवाद है।” अदालत ने कहा कि नियुक्ति का अधिकार उस स्थिति में उत्पन्न नहीं होता जब मृत्यु के समय परिवार का कोई सदस्य पहले से नौकरी में हो।
इस निर्णय को अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण नजीर माना जा रहा है, जिससे भविष्य में कई ऐसे प्रकरण प्रभावित हो सकते हैं।