गोलबाजार रामलीला कटनी में ‘शूर्पणखा की नाक कटने की’ लीला का शानदार मंचन

गोलबाजार रामलीला कटनी में ‘शूर्पणखा की नाक कटने की’ लीला का शानदार मंच
कटनी। धर्मनगरी कटनी में, ऐतिहासिक गोलबाजार रामलीला में कल देर शाम शूर्पणखा की नाक कटने की लीला का अत्यंत मनोहारी और सजीव मंचन किया गया। शारदा रामलीला मंडल रामनगर के कलाकारों ने महंत धर्मराज पाठक निर्देशन में इस मार्मिक और महत्वपूर्ण प्रसंग को देखने के लिए बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी दर्शक देर रात तक रामलीला मैदान में डटे रहे और कलाकारों के अभिनय पर भाव-विभोर हो गए। मंचन के दौरान, राक्षसी शूर्पणखा पंचवटी में भगवान राम और लक्ष्मण को देखती है और उनके सौंदर्य पर मोहित हो जाती है। वह सुंदर स्त्री का वेश धारण कर श्री राम के सामने विवाह का प्रस्ताव रखती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रस्ताव ठुकराने पर, वह लक्ष्मण के पास जाती है, लेकिन लक्ष्मण भी इनकार कर देते हैं। जब शूर्पणखा क्रोधित होकर अपने असली राक्षसी रूप में माता सीता पर हमला करने का प्रयास करती है, तब लक्ष्मण जी क्रोधित हो उठते हैं। फिर, धर्म की रक्षा और सीता माता की सुरक्षा के लिए, वीर लक्ष्मण अपनी कटार से शूर्पणखा के नाक और कान काट देते हैं।
कलाकारों का दमदार अभिनय
शूर्पणखा के रूप में कलाकार ने कामातुर लोभ से लेकर अपमानित होने के बाद रोष और प्रतिशोध तक के भावों को जिस कुशलता से मंच पर उतारा, उसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, मर्यादा और संयम में बंधे श्री राम और तेज से भरे लक्ष्मण के अभिनय ने भी खूब तालियां बटोरीं। नाक कटने के बाद शूर्पणखा का चीत्कार करते हुए रावण के दरबार में जाना, यह दृश्य इतना सजीव था कि दर्शकों ने जय श्री राम के उद्घोष के साथ कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। यह मंचन न केवल एक धार्मिक प्रसंग को दर्शाता है, बल्कि नारी के रूप में आई आसुरी शक्ति पर मर्यादा और धर्म की जीत के महत्व को भी स्थापित करता है। देर रात प्रसंग को देखने हजारों लोग गोलबाजार रामलीला में मौजूद थे। इस अवसर पर कमेटी के भरत अग्रवाल, रवि खरे, शरद अग्रवाल, राजेन्द्र सोंधिया, गिरधारी शर्मा, कामेंद्र सिंह ठाकुर, आशुतोष शुक्ला, अंतिम गुप्ता, रोहित सेन, तपन निषाद, रामजी यादव, कैलाश गुप्ता, संजय गिरी, धर्मेंद्र तिवारी, रणवीर कर्ण, अखिल पांडे सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे। रविवार को यहां लंका दहन की लीला का भव्य मंचन किया जाएगा।