
Ganpati Bappa Moriya Style: गांव से शहर तक गणपति पंडालों में ‘छावा’ ट्रेंड, विकी कौशल स्टाइल में सजे बप्पा। गणेश चतुर्थी का त्योहार बस कुछ ही दिन दूर है और पूरे महाराष्ट्र में गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. हर साल की तरह, इस बार भी गणपति पंडालों में एक अलग ही रौनक और उत्साह देखने को मिल रहा है. इस साल भी हर साल की तरह सजावट और झांकियों के साथ-साथ गणपति बप्पा की मूर्तियों के अलग-अलग रूप देखने मिल रहे हैं. वैसे तो बप्पा के इस उत्सव में फिल्मी किरदारों का प्रभाव भी देखने मिलता है।
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कभी गणपति बाप्पा ‘पुष्पा’ की तरह ‘झुकेगा नहीं’ वाले अंदाज में नजर आते हैं, तो कभी ‘बाहुबली’ की तरह शिवलिंग कंधे पर लिए. हालांकि इस तरह की मूर्तियां बहुत कम देखने मिलती हैं. लेकिन गणेश उत्सव के इतिहास में पहली बार विकी कौशल की फिल्म ‘छावा’ का ट्रेंड हर जगह देखने को मिल रहा है. बड़े पंडालों से लेकर घर में पूजे जाने वाले बप्पा तक, हर कोई विकी कौशल की तरह ‘छावा’ वाला पोज देने वाले बप्पा की डिमांड कर रहा है।
छावा के अंदाज में बैठे हुए नजर आए ‘चिंचपोकली के चिंतामणि’
हाल ही में मुंबई के 106 साल पुराने और प्रतिष्ठित गणेश पंडाल ‘चिंचपोकली का चिंतामणि’ में ‘छावा’ के अंदाज में बैठे बाप्पा का आगमन हुआ. इस आगमान उत्सव में लगभग डेढ़ लाख लोग शामिल हुए थे. लगभग 22 फुट की इस मूर्ति को सिद्धेश दिघोले नाम के मूर्तिकार ने बनाया है. लेकिन ये ट्रेंड सिर्फ मुंबई जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कोंकण और औरंगाबाद जैसे छोटे शहरों और गांवों में भी गणपति की मूर्तियों में ‘छावा’ के पोज देखने को मिल रहे हैं. मुंबई से 600 किलोमीटर दूर सावंतवाड़ी के आरोंदा गांव में भी एक कलाकार ने 3 फीट हाइट में ‘छावा’ स्टाइल मूर्तियां बनाई हैं।
बप्पा के रूप के साथ नहीं हो रही है छेड़छाड़
सबसे बड़ी बात ये है कि आमतौर पर फिल्मी किरदारों से प्रेरित मूर्तियों को लेकर होने वाला विरोध इन मूर्तियों पर नहीं हो रहा है. इस बारे में बात करते हुए हर साल चिंतामणि के आगमन में जाने वाली एक भाविक ने कहा कि भले ही मूर्ति ‘छावा’ स्टाइल की हो, लेकिन इसमें बप्पा के रूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और इसलिए हर तरफ इसका विरोध नहीं, स्वागत ही हो रहा है।
फिल्म ‘छावा’ छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है और विकी कौशल ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है. महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का प्रभाव इतना ज्यादा है कि गणेश मूर्तिकार भी बप्पा की प्रतिमाओं को ‘छावा’ के खास पोज में बनाने से खुद को रोक नहीं पाए हैं।