Ganesh Visarjan 2025: अलग-अलग शहरों में शुभ मुहूर्त, खास ज्योतिषीय योगों का संयोग
Ganesh Visarjan 2025: अलग-अलग शहरों में शुभ मुहूर्त, खास ज्योतिषीय योगों का संयोग

Ganesh Visarjan 2025: अलग-अलग शहरों में शुभ मुहूर्त, खास ज्योतिषीय योगों का संयोग, 6 सितंबर 2025, आज अनंत चतुर्दशी है यानी गणपति बप्पा को विदा करने का दिन. दस दिन की भक्ति, आराधना और उल्लास के बाद आज गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन पूरे देश में धूमधाम से किया जाएगा. परंपरा है कि विसर्जन केवल श्रद्धा से ही नहीं, बल्कि शुभ मुहूर्त में करना चाहिए. मान्यता है कि सही समय पर किए गए विसर्जन से बप्पा हर दुख-दर्द दूर कर देते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि गणपति विसर्जन केवल आस्था से जुड़ा अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह शुभ मुहूर्त और पंचांग के नियमों पर आधारित विदाई संस्कार है. अनंत चतुर्दशी पर जब विघ्नहर्ता गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, तब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पूजा के फल को कई गुना बढ़ा देती है.यही कारण है कि अलग-अलग शहरों में विसर्जन के लिए विशेष समय (Shubh Muhurat) तय किए जाते हैं.
क्यों है गणपति विसर्जन खास?
गणपति विसर्जन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि जीवन का गहरा संदेश भी देता है. मिट्टी से बनी प्रतिमा जब जल में विलीन होती है तो यह बताती है कि हर आरंभ का अंत निश्चित है और यही चक्र जीवन को संतुलित रखता है. विसर्जन के समय गणपति बप्पा मोरया, पुढ़च्यावर्षी लवकर या के जयकारे गूंजते हैं, जो आस्था और उत्साह दोनों का प्रतीक हैं.Ganesh Visarjan 2025: अलग-अलग शहरों में शुभ मुहूर्त, खास ज्योतिषीय योगों का संयोग
आज के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज गणपति विसर्जन के लिए दिनभर कई चौघड़िया शुभ हैं
सुबह शुभ मुहूर्त: 07:36 09:10 AM
दोपहर लाभ-अमृत मुहूर्त: 12:19 05:02 PM
शाम लाभ मुहूर्त: 06:37 08:02 PM
रात्रि शुभ-अमृत मुहूर्त: 09:28 PM 01:45 AM (7 सितंबर)
उषाकाल लाभ मुहूर्त: 04:36 06:02 AM (7 सितंबर)
इन समयों में विसर्जन करना अति मंगलकारी माना गया है
अलग-अलग शहरों के शुभ मुहूर्त
दिल्ली एनसीआर: सुबह 7:45 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक विसर्जन करना सबसे शुभ रहेगा.
मुंबई: सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:15 बजे तक विसर्जन उत्तम फलदायी माना गया है.
कोलकाता: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक का समय शुभ है.
बेंगलुरु: सुबह 7:50 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक विसर्जन के योग बन रहे हैं.
जयपुर: सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक का समय श्रेष्ठ है
पंचांग के अनुसार शुभ योग
आज चतुर्दशी तिथि शाम तक रहेगी. साथ ही रवि योग और शोभन योग का संयोग बप्पा के विसर्जन को और भी मंगलकारी बना रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि इन योगों में किए गए विसर्जन से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.
विसर्जन की विधि और मंत्र
- विसर्जन से पहले गणपति जी को मोदक, दूर्वा और पुष्प अर्पित करें.
- पूरे परिवार के साथ आरती करें—जय गणेश देवा और सुखकर्ता दुखहर्ता गाना शुभ है.
- विसर्जन के समय यह मंत्र बोलें: गच्छ गच्छ गणाधीश त्वं गृहे गृहे पूजितो भव
- बप्पा से क्षमा याचना करें और उनसे अगली बार जल्दी आने का आह्वान करें.
क्या ध्यान रखें?
- मिट्टी की प्रतिमा का ही विसर्जन करें, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों से बचें.
- कृत्रिम तालाब या सुरक्षित घाटों पर ही विसर्जन करें.
- बप्पा की विदाई को उत्सव की तरह मनाएं लेकिन पर्यावरण और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें.
मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद
धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और शुभ मुहूर्त का पालन कर विसर्जन करते हैं, उनके घर में लक्ष्मी का वास होता है और विघ्नहर्ता गणेश हर संकट से रक्षा करते हैं.Ganesh Visarjan 2025: अलग-अलग शहरों में शुभ मुहूर्त, खास ज्योतिषीय योगों का संयोग