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Exclusive-यशभारत की खबर बनी जांच का बिंदु, सौंतेली मां व बहन ने सुपारी देकर कराई थी गौरव की हत्या

कटनी। (विवेक शुक्‍ला) शहर के गायत्रीनगर क्षेत्र में किराये के मकान में रहकर वोडाफोन कंपनी में काम करने वाले 30 वर्षीय युवा इलेक्ट्रिशियन की सड़ीगली व छत-विछत लाश सिहोरा जेल के पीछे से बरामद होने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया तो चौकाने वाली कहानी सामने आई। गौरव की नृशंस हत्या उसकी सौंतेली मां व सौंतेली बहन ने भाड़े के अपराधियों से सुपारी देकर कराई और लाश को मोटर सायकल सहित सिहोरा जेल के पीछे स्थित नाले में फेंक दिया।

मामले की गंभीरता से जांच करते हुए सिहोरा पुलिस ने इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया और इस हत्याकांड में शामिल मां-बेटी सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। जिसकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि सिहोरा में जैन मंदिर के पीछे निवासी करने वाला 30 वर्षीय गौरव पिता स्वर्गीय गिरजा शंकर मिश्रा शहर स्थित वोडा कंपनी के दफ्तर में इंजीनियर के पद पर पदस्थ था तथा गायत्रीनगर क्षेत्र में उसने किराए का मकान भी ले रखा था जबकि सिहोरा स्थित उसके पैतृक मकान में उसकी सौतेली मां माधुरी मिश्रा व सौतेली बहन मयूरी मिश्रा रहती हैं जबकि उसकी सगी बहन की शादी विजयराघवगढ़ में हुई है।

गौरव कभी कभार अपली सौंतेली मां व बहन से मिलने चला जाया करता था। बताया जाता है कि गौरव बीती 6 सितंबर को कटनी से अपनी सौंतेली मां व बहन से मिलने के लिए रवाना हुआ। इसके बाद वह स्लीमनाबाद के बाद से लापता हो गया। गौरव की बहन सिहोरा निवासी गुंजन तिवारी ने सिहोरा थाने में गुमइंसान कायम करवाया। गुमइंसान की जांच के दौरान गौरव मिश्रा की पत्नी प्रभा मिश्रा व उसके मायकेपक्ष द्वारा अनुकंपा नियुक्ति तथा संपत्ति विवाद को लेकर सौतेली मां मधु मिश्रा व सौतेली बहन मयूरी पर हत्या करने व कराने का संदेह व्यक्त करते हुए अपने बयान दर्ज कराए थे। इसी बीच बीती 14 सितंबर को सिहोरा जेल के पीछे एक अज्ञात युवक की सड़ीगली लाश मिलने की सूचना पुलिस को मिली। जिसकी शिनाख्त पत्नी प्रभा मिश्रा के द्वारा पति गौरव मिश्रा के रूप में की गई।

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ऐसे हुआ गौरव मिश्रा के अंधे कत्ल का पर्दाफाश
मामले की जांच के दौरान दौरान पुलिस को यह जानकारी लगी कि गौरव मिश्रा आखरी बार 6 सितंबर को रात्रि में संदीप कोरी नामक युवक के साथ देखा गया है। जिसके बाद पुलिस ने संदीप कोरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में पुलिस को काफी गुमराह करने के बाद संदीप कोरी ने बताया कि वह पान दुकान चलाता है गौरव मिश्रा को नही जानता था परन्तु सिहोरा का रहने वाले प्रमोद चौधरी और बाबला ऊर्फ कुमुद राजभर उसके अच्छे मित्र थे जो अक्सर साथ में बैठ कर खाया पिया करते थे। इसी खाने पीने के दौरान लगभग 2-3 माह पहले प्रमोद चौधरी ने चर्चा की थी कि जाग्रती नगर गोहलपुर की रहने वाली एक महिला और उसकी लडकी सिहोरा के गौरव मिश्रा की हत्या कराना चाहती है और काफी पैसा देने को कह रही है। तब हम तीनो ने राय बनाई कि अच्छा पैसा मिलता है तो काम कर देगें बात करो तब वह प्रमोद के मोटर सायकिल से जाग्रती नगर गया। वहां महिला से 6 लाख रूपये में गौरव मिश्रा की हत्या करने का सौदा तय हुआ और 2 जुलाई को 3 लाख रूपए एडवांस भी मिल गया तथा शेष 3 लाख काम होने के बाद देने की बात भी तय हुई।

फेसबुक आईडी से निकाली गौरव की फोटो
पुलिस ने बताया कि संदीप व प्रमोद दोनो गौरव को पहचानते नहीं थे। इसलिए उन्होने फेसबुक में गौरव मिश्रा की आईडी को सर्च करके गौरव की फोटो निकाली और सभी आरोपियों ने गौरव मिश्रा की फोटो को अपनी-अपनी आईडी में भी टेग कर लिया। इसके बाद गौरव का मोबाइल लेकर उसको लगातार फोन कर उससे दोस्ती कर ली। जिसके बाद गौरव मिश्रा अक्सर संदीप की पान दुकान पर शाम को आने लगा था।

गमछे से गला घोंटकर उतारा मौत के घाट
पुलिस की माने तो 6 सितंबर को संदीप ने प्रमोद, बबला के साथ मिलकर गौरव मिश्रा की हत्या करने की योजना बनाई तथा लगातार गौरव मिश्रा से संपर्क कर उसे पान की दुकान आने बोला। काफी प्रयास के बाद गौरव मिश्रा ने संदीप को साढ़े ग्यारह बजे रात बताया कि वह दुकान में आ रहा है। संदीप ने गौरव के आने की सूचना तुरंत प्रमोद चौधरी को दी। रात 12 बजे के लगभग गौरव संदीप की पान दुकान पर पहुंचा। जिसके बाद संदीप पान दुकान बंद कर गौरव के साथ मोटर सायकल में प्रमोद चौधरी के कुर्रे रोड राजीव गांधी ग्राउंड के पास स्थित कार्यालय पहुंच गया। जंहा पहले से ही प्रमोद चौधरी, बाबला ऊर्फ कुमुद राजभर व बीरू चौधरी बैठे हुये थे। शराब पीने के दौरान ही सभी ने मिलकर गौरव की गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी और उसकी लाश को उसकी मोटर सायकल से ही सिहोरा जेल के पीछे लाकर मोटर सायकल सहित नाले में फेंक दिया। पुलिस ने संदीप कोरी की निशानदेही पर पहले नाले से गौरव मिश्रा की मोटर सायकिल बरामद की। इसके बाद उसके बयान के आधार पर प्रमोद चौधरी व वीरू चौधरी तथा हत्या के लिये सुपारी देने वाली सौंतेली मां मधु मिश्राए व सौंतेली बहन मयूरी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से सुपारी के रूप में एडवांस लिए गए 3 लाख रूपए में से दो लाख रूपए भी बरामद कर लिए गए है। अब इस मामले में पुलिस को बाबला ऊर्फ कुमुद राजभर की तलाश है।

संपत्ति विवाद व अनुकंपा नियुक्ति बने हत्या का कारण
उल्लेखनीय है कि मृतक गौरव मिश्रा के पिता स्वर्गीय गिरजा शंकर मिश्रा पशु चिकित्सा विभाग में नौकरी करते थे। जिनकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो गयी थी। मृतक की सौतेली मां मधु मिश्रा व सौतेली बहन मयूरी मिश्रा का पिता की अनुकंपा नियुक्ति पाने को लेकर विवाद चल रहा था। सौंतेली मां अपनी बेटी मयूरी को अनुकंपा नियुक्ति दिलाना चाहती थी। इसके अलावा पैतृक जमीन के बंटवारे व उसके विक्रय से मिलने वाले पैसे में हिस्से दारी को लेकर भी गौरव का सौंतेली मां व बहन से विवाद चल रहा था। इन्ही दोनों वजहों से गौरव की हत्या मां-बेटी ने सुपारी देकर कराई।

एएसआई उमलेश तिवारी की सराहनीय भूमिका

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गौरव मिश्रा के अंधे हत्याकांड से पर्दा उठाने में सिहोरा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक उमलेश तिवारी की भूमिका सराहनीय रही। जिन्होने मामले की जांच के दौरान अपनी पूरी वर्दी उतार कर नाले के अंदर घुसकर साक्ष्य जुटाए और पहले नाले से गौरव मिश्रा की मोटर सायकल बरामद की और फिर बाद में आगें बढ़ते हुए इस अंधे हत्याकांड से पर्दा उठाया। उल्लेखनीय है कि प्रधान आरक्षक रहते उमलेश तिवारी कटनी के कुठला व माधवनगर थाने में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

यश भारत की खबर बनी जांच का बिंदु
पुलिस की जांच का बिंदु यशभारत की खबर रही। दरअसल हत्या की खबर के साथ यशभारत मे प्रकाशित खबर में इस सौतेले मां और बहन के साथ अनुकम्पा नियुक्ति तथा प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर सन्देह व्यक्त किया गया था। इसी सन्देह को पुलिस ने गम्भीरता से लेते इस एंगल पर जांच शुरू की और पूरे मामले का खुलासा हो गया।

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