चायनीज ऐप से सावधान! ड्रैगन का गुप्त हथियार बन सकता है भारत के लिए खतरा
चायनीज ऐप से सावधान! ड्रैगन का गुप्त हथियार बन सकता है भारत के लिए खतरा

चायनीज ऐप से सावधान! ड्रैगन का गुप्त हथियार बन सकता है भारत के लिए खतरा। इस ऐप का इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान के कथित एजेंटों की तरफ से एक नए प्रकार के “Psychological Warfare” के लिए किया जा रहा है। यह युद्ध पारंपरिक हथियारों के बजाय जानकारी, भावना और पहचान के साथ लड़ा जाता है।
चायनीज ऐप से सावधान! ड्रैगन का गुप्त हथियार बन सकता है भारत के लिए खतरा
बाहर से देखने पर एक साधारण ऐप प्रतीत होने वाला रेडनोट नकली रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) दस्तावेजों, भारत के विवादित मानचित्रों, संपादित वीडियो और पाकिस्तान के एजेंडे से जुड़ी सामग्री से भरा हुआ है। इस ऐप का उद्देश्य युवाओं में भारत के प्रति अविश्वास पैदा करना है, जैसे कि “दिल्ली बहुत दूर है”। यह इस विचार को भी बढ़ावा देता है कि चीन के करीब होना पूर्वोत्तर के निवासियों के लिए फायदेमंद होगा।
फर्जी भारतीय सैन्य दस्तावेज़ अपलोड किए जा रहे
RedNote ऐप का असली उद्देश्य नकली गोपनीय दस्तावेज को अपलोड करना है, जिसमें फर्जी भारतीय सैन्य दस्तावेज़ अपलोड किए जा रहे हैं। भारत के विवादित नक्शों, झूठी खबरों और AI जनरेटर डॉक्टर्ड वीडियो के माध्यम से यूजर को भ्रामक जानकारी देने की कोशिश की जाती है।
कैसे RedNote बनता है एक खतरनाक मंच?
साइकोलॉजिकल ऑपरेशन या PsychOps वह रणनीति है, जिसमें दुश्मन देश की जनता के मनोविज्ञान को बदलने के लिए सूचना को हथियार बनाया जाता है। RedNote इसी सिद्धांत पर काम करता है। इसका संचालन इस तरह से किया जाता है कि स्थानीय मुद्दों को तूल दिया जाए। राज्य बनाम केंद्र की भावना को भड़काया जाए। धार्मिक और जातीय तनाव पैदा किया जाए। भारत विरोधी विचारधारा को सामान्य और आकर्षक रूप में पेश किया जाए।
टारगेटेड कंटेंट कैसे बनाया जाता है?
RedNote के कंटेंट की जांच करने पर यह सामने आया है कि बॉट्स और फेक प्रोफाइल के जरिए कंटेंट को वायरल किया जाता है। खास डेट (जैसे 15 अगस्त या 26 जनवरी) पर ज्यादा भारत विरोधी सामग्री पोस्ट की जाती है। कुछ पोस्ट में चीन समर्थक भावनाएँ भड़काई जाती हैं और मौद्रिक लाभ का वादा भी किया जाता है।
पाकिस्तान और चीन द्वारा संयुक्त अभियान
खुफिया सूत्रों के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन विशेषज्ञ इस ऐप के पीछे हैं, जिसका इस्तेमाल भारतीयों के दिमाग और समाज में घुसपैठ करने के लिए किया जा रहा है। चीन जानता है कि पूर्वोत्तर भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इसलिए वह अस्थिरता पैदा करने के लिए वही रणनीति अपना रहा है, जो उसने पहले अफ्रीका, ताइवान और हांगकांग में अपनाई थी,” सूत्रों ने कहा।
सरकार ने ऐप पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू की
सूत्रों ने कहा कि केंद्र और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भारत में इस ऐप की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के बारे में पता है, और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने देश में इसे प्रतिबंधित करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है।
भारत ने पहले राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से TikTok, ShareIt और UC Browser जैसे कई लोकप्रिय चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन ने लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाया है और अपने नक्शों में राज्य को अपने “दक्षिण तिब्बत” का हिस्सा बताया है, जिसकी नई दिल्ली ने कड़ी निंदा की है। चायनीज ऐप से सावधान! ड्रैगन का गुप्त हथियार बन सकता है भारत के लिए खतरा