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Diwali Tarikh 2025: काशी के पंडितों ने स्पष्ट की तिथि, देशभर में होगी रोशनी की खुशियाँ

Diwali Tarikh 2025: काशी के पंडितों ने स्पष्ट की तिथि, देशभर में होगी रोशनी की खुशियाँ

Diwali Tarikh 2025: काशी के पंडितों ने स्पष्ट की तिथि, देशभर में होगी रोशनी की खुशियाँ।  दीपावली पर्व की तिथि पर फैले भ्रम को देशभर के पंचांगकारों ने दूर कर दिया है। रविवार को हुई ऑनलाइन बैठक में सभी ने एक राष्ट्र, एक धर्म और एक पर्व का संकल्प दोहराया। इसके साथ ही सभी ने एकमत से निर्णय लिया कि शास्त्रीय प्रमाण के साथ 20 अक्तूबर को ही दीपावली का महापर्व मनाया जाएगा।

 

बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर एवं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री डॉ. विनय पांडेय ने स्पष्ट किया कि कुछ पंचांगकारों ने शास्त्रों की गलत व्याख्या प्रस्तुत की। लेकिन, शास्त्रसम्मत निर्णय यही है कि 20 अक्तूबर को ही दीपावली मान्य है, क्योंकि इस दिन संपूर्ण प्रदोषकाल एवं निषाकाल उपलब्ध है।

 

बुद्धिबल्लभ पंचांग के संपादक आचार्य पवन पाठक ने कहा कि यदि सभी पंचांग सूर्यसिद्धांत पर आधारित परंपरागत पद्धति से बने हों तो मतभेद की स्थिति उत्पन्न ही नहीं होगी। महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल (हरियाणा) के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश शर्मा ने कहा कि प्राचीन ग्रंथ सभी सूर्यसिद्धांत पर आधारित हैं, अतः धर्मशास्त्रीय दृष्टि से दीपावली के लिए 20 अक्तूबर ही मान्य तिथि है।

 

काशी के प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं पंचांगकार डॉ. अमित मिश्र ने कहा कि पारंपरिक सिद्धांतों से विमुख होकर कार्य करने वाले शास्त्रानुसार दोष के भागी बनते हैं और यह महापाप तुल्य है। पर्व निर्णय सभा के वरिष्ठ सदस्य डॉ. जगदीश भट्ट ने एक राष्ट्र, एक पर्व का आह्वान करते हुए भारत सरकार की ओर से 20 अक्तूबर को दीपावली पर्व की घोषित तिथि को ही अंतिम निर्णय मानने का आग्रह किया।
राजस्थान के संस्कृत विद्वान डॉ. कौशल शर्मा ने भी अनेक प्रमाणों के साथ 20 अक्तूबर के निर्णय का समर्थन किया। दिल्ली के पुजारी संघ के अध्यक्ष आचार्य गिरधारी लाल ने भी इसी तिथि पर मुहर लगाई। डॉ. मंजू जोशी ने कहा कि 21 अक्तूबर को प्रदोषकाल में तीन मुहूर्त अमावस्या तिथि पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए दीपावली 20 अक्तूबर को ही मनाई जानी चाहिए।

सुप्रसिद्ध कथा वाचक डॉ. मनोज पांडेय ने भी एक राष्ट्र, एक धर्म, एक पर्व की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए 20 अक्तूबर की तिथि का समर्थन किया। सभा में उपस्थित सभी विद्वानों, संस्थाओं एवं पंचांगकारों की सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सनातन धर्म की एकरूपता और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक रूप में इस वर्ष दीपावली महोत्सव 20 अक्तूबर को ही संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाएगा।

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