पीएम आवास आवंटित होने के बावजूद खाली नहीं कर रहे थे जर्जर आवास, मकान मालिक ने की शिकायत

कटनी(YASHBHARAT.COM)।कोतवाली थानांतर्गत अल्फर्टगंज में नगर निगम कर्मियों के साथ मकान खाली कराने पहुंची पुलिस टीम से विवाद और नाबालिग से कथित मारपीट के मामले में नया तथ्य सामने आया है। जानकारी के अनुसार उक्त मकान मीना शाहीन के नाम पर है, जिसमें किराएदार के रूप में शकीला निवास कर रहीं थी। मकान का एक हिस्सा जर्जर होने के कारण नगर निगम ने मीना शाहीन को 9 जुलाई को पत्र क्रमांक 2830 जारी कर यह निर्देशित किया था कि तीन दिन के भीतर जर्जर भवन तोड़ कर अलग करें अन्यथा कोई हादसा होने पर उनकी जिम्मेदारी मानी जाएगी। उक्त भवन में शकीला किराएदार के रूप में रह रहीं थी और इसे खाली नहीं करना चाहती थीं। जबकि शकीला के नाम पर 29.98 वर्ग मीटर का प्रधानमंत्री आवास क्रमांक बी 8/304 झिंझरी प्रेमनगर बस्ती खिरहनी में प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया जा चुका है। खुद का नया घर होने के बावजूद वे किराए का जर्जर भवन खाली नहीं करना चाहती थीं। दूसरी ओर जर्जर भवन खतरनाक होने और इससे जनहानि होने की आशंका को देखते हुए नगर निगम की टीम पुलिस बल के साथ जब भवन तोड़ने पहुंची तो उस घर में रहने वाली महिलाएं कोतवाली थाना की महिला पुलिस से उलझ गईं। निगम कर्मियों को जर्जर हिस्सा तोड़ना था, उस समय घर में नियाजुल निशा और उसकी बड़ी बहन मौजूद थी। उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से घर से बाहर जाने के लिए कहा गया पर वे जाने को तैयार नहीं थीं। जिस पर महिला पुलिस ने उन्हें जबरन बाहर करना चाहा तो वे उनसे उलझ गईं। जिसके बाद पुलिस को सख्ती से उन्हें वहां से हटाना पड़ा। इस संबंध में नगर निगम के अन्याक्रांति शाखा के प्रभारी मानवेंद्र सिंह का कहना है कि जर्जर आवास तोड़ने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से आवास के भीतर मौजूद लोगों को घर से बाहर निकालना जरूरी था। नियमों के तहत कार्यवाही हुई हैं