Delhi Car Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी में रोजाना फर्जी मरीजों की लिस्ट, न बनाने पर सैलरी में कटौती
Delhi Car Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी में रोजाना फर्जी मरीजों की लिस्ट, न बनाने पर सैलरी में कटौती

Delhi Car Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी में रोजाना फर्जी मरीजों की लिस्ट, न बनाने पर सैलरी में कटौती। दिल्ली में पिछले महीने लाल किले के पास हुए धमाके के मामले की जांच तेजी से चल रही है. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मामले की जांच कर रही है। एजेंसी अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है।
वहीं धमाके के पीछे अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं, साथ ही यूनिवर्सिटी को लेकर लगातार नए खुलासे भी रहे हैं. एक नए खुलासे में यह बात सामने आई है कि यहां पर रोजाना फर्जी मरीजों की एक लिस्ट तैयार की जाती थी।
सूत्रों का कहना है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी को नया खुलासा हुआ है. यूनिवर्सिटी से जुड़े एक पूर्व नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि यहां के अस्पताल में रोजाना 100 से 150 फर्जी मरीजों की फाइलें तैयार की जाती थी. यह सब काम मैनेजमेंट के निर्देश पर कराया जाता था. यह भी दावा किया गया कि आदेश नहीं मानने वाले कर्मचारियों को अनुपस्थित दिखाकर सैलरी तक काट ली जाती थी।
परिसर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’के नारे
पूर्व कर्मचारी के अनुसार, यूनिवर्सिटी में इस तरह के भेदभाव हिंदू स्टाफ के साथ किया जाता था. नाइट शिफ्ट में भी खास ध्यान रखा जाता था. अमूमन रात की ड्यूटी में कश्मीरी स्टाफ लगाया जाता था, और इसमें से कुछ डॉक्टर पाकिस्तान की तारीफ किया करते थे. कई बार अस्पताल परिसर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुने गए
7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी NIA
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीनियर एडवोकेट माधव खुराना को पिछले महीने 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके से संबंधित मामले में केस की पैरवी करने और अन्य संबंधित कार्यों के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त कर दिया. 10 नवंबर की शाम हुए जोरदार धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई थी.
दूसरी ओर, एनआईए दिल्ली धमाके को लेकर अपनी जांच कर रही है. धमाके के मामले में अब तक 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. धमाके को लेकर कई डॉक्टरों से पूछताछ की गई है और यह अभी भी जारी है. यह धमाका तब हुआ जब कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी ने I20 कार के अंदर आईईडी का इस्तेमाल करके खुद को उड़ा लिया था।
अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज
यह पूरा मामला उस सफेदपोश आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है, जिसका खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया था. डॉक्टर उमर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के सामान्य चिकित्सा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था।
एनआईए ने उमर की एक अन्य गाड़ी को जब्त कर लिया है, जिसकी मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए जांच की जा रही है. फिलहाल जांच एजेंसी अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है, और इसमें धमाके में घायल लोग भी शामिल हैं।







