प्रदेश में कड़ाके की ठंड, शीतलहर से बढ़ा स्वास्थ्य के लिए खतरा
भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में ठंड ने जोर पकड़ लिया है। तापमान में अचानक आई गिरावट के चलते शीतलहर का असर साफ नजर आने लगा है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्र सरकार ने आम लोगों के लिए एडवायजरी जारी की है। इसमें चेतावनी दी गई है कि ठंड के मौसम में जरा-सी लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक दिसंबर-जनवरी में जब न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब 4 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे चला जाता है, तो इसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। जेपी अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि लंबे समय तक ठंडी हवा के संपर्क में रहने से शरीर की गर्मी कम होने लगती है। इससे हाइपोथर्मिया, फ्रॉस्टबाइट, चिलब्लेन और ट्रेंच फुट जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
एडवायजरी में बताया गया है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 5 साल से कम उम्र के बच्चे और हृदय या सांस की बीमारी से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। इसके अलावा खुले में काम करने वाले मजदूर और बेघर लोगों को भी खास सावधानी बरतने की जरूरत है।
हमीदिया अस्पताल में सर्दी बढ़ने के साथ मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रोजाना ओपीडी में करीब 2000 से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिनमें 30 से 35 फीसदी सर्दी, खांसी और वायरल जैसी ठंड से जुड़ी शिकायतों वाले हैं। इनमें बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है।
लक्षणों को न करें नजरअंदाज
ठंड के असर से वयस्कों में ज्यादा कंपकंपी, अत्यधिक थकान, भ्रम, बोलने में लड़खड़ाहट और सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं बच्चों में त्वचा का लाल और ठंडा पड़ना, ऊर्जा की कमी और असामान्य चुप्पी दिखाई दे तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टरों की सलाह है कि ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, खुले में कम समय बिताएं और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।







