Dabur Chyawanprash: स्वास्थ्य का सदियों पुराना फॉर्मूला, मॉडर्न लाइफस्टाइल में भी क्यों है उतना ही जरूरी?
Dabur Chyawanprash: स्वास्थ्य का सदियों पुराना फॉर्मूला, मॉडर्न लाइफस्टाइल में भी क्यों है उतना ही जरूरी?। आज भी अच्छी सेहत की बात आती है तो च्यवनप्राश का नाम सबसे पहले याद आता है। चुस्ती-फुर्ती और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है। मॉडर्न लाइफस्टाइल में जहां तनाव, गलत खानपान और प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं च्यवनप्राश लोगों को फिट रखने का भरोसेमंद उपाय बन चुका है।
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बचपन की यादें ताजा करने वाली इसकी जड़ी-बूटियों की खुशबू और गर्माहट आज भी इसे हर उम्र के लोगों के लिए खास बनाती है। दादा-दादी द्वारा सुबह-सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश खाने की सलाह आज एक बार फिर आम होती जा रही है।
क्यों बढ़ रही है च्यवनप्राश की लोकप्रियता?
नई-नई ऊर्जा बढ़ाने वाली दवाइयों के दौर में कुछ लोग इसे भूल गए थे, लेकिन अब जैसे-जैसे लोग पारंपरिक और प्राकृतिक उपचारों की ओर लौट रहे हैं, च्यवनप्राश फिर से रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन रहा है।
डाबर जैसा पुराना और विश्वसनीय ब्रांड इसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में बताए मूल नुस्खों से तैयार करता है, जिस वजह से लोग इसे निश्चिंत होकर अपनाते हैं।
च्यवनप्राश: एक कायाकल्प करने वाली औषधि
किंवदंतियों के अनुसार इसे ऋषि च्यवन ने अपनी शक्ति और यौवन को वापस पाने के लिए बनाया था।
इसीलिए इसका नाम पड़ा—च्यवनप्राश।
आयुर्वेद में इसे एक संपूर्ण टॉनिक बताया गया है, जो—
ताकत बढ़ाता है
दिमाग को तेज बनाता है
पाचन मजबूत करता है
मौसमी बीमारियों से बचाता है
ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाता है
त्वचा को स्वस्थ बनाता है
लंबे समय तक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है
पुराणों में इसे कायाकल्प उपचार भी कहा गया है।
हर्बल पोषक तत्वों से भरपूर
डाबर च्यवनप्राश को पारंपरिक विधियों से तैयार किया जाता है। इसमें—
घी
तिल का तेल
शहद
चीनी
40 से अधिक जड़ी-बूटियां
शामिल होती हैं।
इसका मुख्य घटक आंवला है, जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है। इसमें दालचीनी, इलायची, पीपली के साथ कई औषधीय मसाले भी शामिल किए जाते हैं।घी और तिल के तेल में मौजूद वसा इन जड़ी-बूटियों को शरीर में बेहतर तरीके से पहुंचाती है—यह आयुर्वेदिक औषधियों की मूल अवधारणा है।
वैज्ञानिक शोध भी दे रहे हैं समर्थन
आधुनिक समय में च्यवनप्राश पर कई वैज्ञानिक अध्ययन भी हो चुके हैं, खासकर डाबर च्यवनप्राश पर। इन अध्ययनों में पाया गया कि—
यह इम्युनिटी बढ़ाता है
सुरक्षात्मक एंटीबॉडी बनाता है
एलर्जी से राहत देता है
एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ाता है
नियमित सेवन विटामिन सप्लीमेंट जैसे फायदे दे सकता है
इस आधार पर कहा जा सकता है कि च्यवनप्राश सिर्फ पारंपरिक औषधि नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित ढाल भी है।






