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मृतक के भाई ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार: हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश में बड़वारा पुलिस पर आरोप

मृतक के भाई ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार: हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश में बड़वारा पुलिस पर आरो

 

​कटनी। कटनी जिले के बड़वारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत खरहटा ग्राम निवासी शानि बर्मन की संदिग्ध मौत के एक महीने बाद भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने से आहत परिजनों ने आज पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। मृतक के भाई ने बड़वारा पुलिस पर हत्या के मामले को आत्महत्या करार देने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है।
बिलायत कला स्टेशन के पास मिली थी लाश
​यह मामला 22 अक्टूबर 2025 की रात का है, जब शानि बर्मन (केवट) की लाश बिलायत कला रेलवे स्टेशन के समीप मिली थी। घटना के तुरंत बाद से ही परिजनों ने इसे हत्या की आशंका बताते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि करीब एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी बड़वारा पुलिस ने मामले में कोई विशेष कार्यवाही नहीं की है।
​कार्रवाई न होने पर, आज मृतक के परिजन एसपी कार्यालय पहुंचे और पुलिस अधीक्षक के नाम एक लिखित शिकायत दी। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और हत्या की साजिश में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।प्रेम प्रसंग के चलते मारपीट और जान से मारने की धमकी का आरोप

​मृतक के पिता गोरेलाल बर्मन ने शिकायत में कुछ व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गोरेलाल बर्मन के अनुसार, 21 अक्टूबर को भगवनदास, रामदीन, धनु साहू, अर्जुन बर्मन, संभू बर्मन, और सुदामा बर्मन ने मिलकर (मृतक) शानि केवट के साथ बेरहमी से मारपीट की थी और उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इन सभी व्यक्तियों का कहना था कि मृतक शानि बर्मन, आरोपी भगवनदिन की पुत्री से बात करता था। इसी बात को लेकर मृतक के साथ यह मारपीट की गई थी, जिसके अगले दिन उसकी लाश रेलवे ट्रैक पर मिली।

शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट नहीं, केवल सिर धड़ से अलग

​मृतक के पिता गोरेलाल ने संदेह जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि रेलवे ट्रैक पर शानि का सिर्फ गर्दन ही धड़ से अलग हुई थी, जबकि शरीर के अन्य हिस्सों पर कोई चोट नहीं आई थी, जो इसे सामान्य ट्रेन दुर्घटना से अलग दिखाता है। गोरेलाल बर्मन ने यह भी बताया कि घटना के बाद मृतक के मोबाइल फोन से सारे मैसेज, फोटो और अन्य महत्वपूर्ण डाटा डिलीट कर दिया गया था, जो साक्ष्य मिटाने की ओर इशारा करता है।
​परिजनों ने मांग की है कि बड़वारा पुलिस की शिथिलता को देखते हुए, मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की जाए, ताकि दोषियों पर कानूनी कार्यवाही हो सके और मृतक को न्याय मिल सके।

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