अमेरिका ने हथकड़ी लगाकर 100 से ज़्यादा भारतीयों को भेजा वापस, अवैध प्रवासन पर बढ़ा विवाद
अमेरिका ने हथकड़ी लगाकर 100 से ज़्यादा भारतीयों को भेजा वापस, अवैध प्रवासन पर बढ़ा विवाद। हरियाणा के 35 लोगों को हाल ही में अमेरिका से निर्वासित किया गया है, जिन्होंने अपनी वापसी पर निराशा जताई है. उड़ान के दौरान उनमें से अधिकांश को हथकड़ी लगाई गई थी।अमेरिका ने हथकड़ी लगाकर 100 से ज़्यादा भारतीयों को भेजा वापस, अवैध प्रवासन पर बढ़ा विवाद
व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों पर सख्त हैं. हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने एक और समूह को भारत वापस भेजा है. निर्वासित हुए 35 लोग हरियाणा के कैथल, करनाल और कुरुक्षेत्र जिले के हैं. इन्हें लेकर विमान शनिवार देर रात दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा. कैथल से निर्वासित लोगों में से एक, नरेश कुमार ने बताया कि उड़ान के दौरान लोगों को हथकड़ियां लगाई गई थीं.
इससे पहले भी हथकड़ियां लगाकर भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया था, जिसपर बवाल मच गया था और अमेरिका प्रशासन के इस कदम का कई संगठनों ने विरोध किया था और भारत सरकार से अपील की थी की भारतीय नागरिकों को सम्मान पूर्वक वापस लाया जाए.
निर्वासित लोगों में 16 करनाल, 14 कैथल और पांच कुरुक्षेत्र के थे. बाद में उन्हें उनके संबंधित जिलों में ले जाया गया और उनके परिवारों से मिलाया गया. करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि निर्वासित लोग जिले के विभिन्न गांवों से आए थे.
ज़मीन बेचकर गए थे अमेरिका
कैथल के पुलिस उपाधीक्षक ललित कुमार ने बताया कि रविवार को 14 लोगों को दिल्ली हवाई अड्डे से कैथल पुलिस लाइन लाया गया. ये लोग अमेरिका में घुसने के लिए एक खतरनाक रास्ता अपना रहे थे. इस समूह में कलायत, पुंडरी, कैथल, ढांड और गुहला ब्लॉक के लोग शामिल थे. निर्वासित लोगों, जिनकी उम्र ज्यादातर 25 से 40 साल के बीच है, ने अपनी वापसी पर निराशा जताई.
उन्होंने ज़मीन बेचकर, पैसे उधार लेकर और बचत करके बेहतर अवसरों की तलाश में अमेरिका में प्रवास करने के लिए काफी पैसा लगाया था. लेकिन ट्रंप सरकार के आने के बाद ऐसे सभी रूटों को बंद कर दिया गया है, जिनसे अमेरिका में अवैध घुसपैठ होती थी. इस साल की शुरुआत में, अमेरिकी अधिकारियों ने पंजाब, हरियाणा और गुजरात से कई युवाओं को निर्वासित किया था.
ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति
इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद, देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. ट्रंप ने चुनावों के दौरान अमेरिका की जॉब्स पहले अमेरिकी नागरिकों को देने का वादा किया था. ट्रंप समर्थकों का मानना है कि अवैध तरीके से आए प्रवासी अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं।अमेरिका ने हथकड़ी लगाकर 100 से ज़्यादा भारतीयों को भेजा वापस, अवैध प्रवासन पर बढ़ा विवाद







