Aachar Sanhita Rules:”भाई तूझे भगवान भी माफ नहीं करेगा” ‘मुझे ही वोट देना, बोलने वाले हो जाएं सावधान

Aachar Sanhita Rules:“भाई तूझे भगवान भी माफ नहीं करेगा” ‘मुझे ही वोट देना, बोलने वाले सावधान हो जाएं। ऐसा करने पर पुलिस झंडा लगाने वाले के साथ-साथ प्रत्याशी पर भी एफआइआर दर्ज कर सकती है चुनाव आचार संहिता के दौरान प्रत्याशी से बगैर पूछे खुद के मकान पर उसका झंडा-बैनर लगाना आमजन को भारी पड़ सकता है।
मकान मालिक की अनुमति के बगैर झंडा लगाने वाले नेताजी भी फंस सकते हैं। इसी तरह किसी को भगवान का वास्ता देकर मतदान के लिए बाध्य करना भी महंगा पड़ सकता है। पुलिस को ऐसा करने वालों के खिलाफ भी FIR एफआइआर दर्ज करने का अधिकार है।
पुलिस ने पकड़ा मैदान
हालांकि अब तक पुलिस भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की इन धाराओं को लेकर कभी गंभीर नहीं रही, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। चुनाव आयोग की सख्ती के बाद पुलिस ने भी मैदान पकड़ लिया है
सामान्यतः अब तक पुलिस चुनाव के दौरान कोलाहल अधिनियम और संपत्ति विरूपण की धाराओं में ही प्रकरण दर्ज करती थी, लेकिन कानून की ऐसी कई धाराएं हैं जो दशकों पहले बनी तो सही, लेकिन कभी संज्ञान में नहीं आई। पुलिस विशेष तौर पर ऐसी धाराओं का प्रशिक्षण दे रही है।
आइए, जानें किन मामलों में हो सकती है कार्रवाई
नियमानुसार रोड़ शो के दौरान चार पहिया वाहन पर सिर्फ एक झंडा लगाया जा सकता है।
झंडे का आकार तीन बाय दो फीट से बड़ा नहीं होना चाहिए। झंडे का आकार तय मापदंड से अधिक होने पर पुलिस धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर सकती है। इसी तरह दोपहिया वाहन पर सिर्फ एक झंडा लगाने की अनुमति है। इसका आकार भी दो बाय एक से अधिक नहीं हो सकता। इससे अधिक आकार होने पर प्रकरण दर्ज हो सकता है।
प्रत्याशी की सहमति के बगैर अपने मकान पर झंडा लगाने पर पुलिस धारा 171(एच) के तहत एफआइआर दर्ज कर सकती है। प्रत्याशी ने बगैर मकान मालिक की अनुमति के झंडा लगाया तो वह भी एफआइआर के दायरे में आ सकते है।
रैली या प्रचार के दौरान कार्यकर्ता 6 बाय 4 का ही बैनर लेजा सकते है। इस अनुमति का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत एफआइआर दर्ज हो सकती है।
“भाई तूझे भगवान भी माफ नहीं करेगा” ‘मुझे ही वोट देना।’ प्रत्याशी या समर्थकों को मतदाताओं को ऐसा बोलना भी भारी पड़ सकता है। कानूनन ऐसे मामले में धारा 171(सी) के तहत एफआइआर दर्ज हो सकती है।इसके तहत एक वर्ष की सजा का प्रावधान है।
पार्टी कार्यालय में तीन ही झंडे लगाने की पात्रता है। झंडे बैनर से कार्यालय पाटा तो धारा 188 के तहत मुलजिम बन सकते है।
रिश्वत देना, सत्कार,खाद्य, तेल, मनोरंजन, पेय पदार्थ, रसद (राशन) देना भी अपराध है। इन संज्ञेय अपराध में पुलिस तत्काल एफआइआर दर्ज कर सकती है।