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बिदा 2025: मध्य प्रदेश में नारी शक्ति का परचम प्रशासन से पंचायत तक महिलाओं के हाथों में सत्ता की कमान,

भोपाल। बिदा 2025 मध्य प्रदेश में नारी शक्ति अब केवल सामाजिक बदलाव की प्रतीक नहीं, बल्कि प्रशासन, नीति और नेतृत्व की मजबूत धुरी बन चुकी है। यह सशक्तिकरण प्रदेश को संवेदनशील, संतुलित और सशक्त भविष्य की ओर ले जा रहा है।

मध्य प्रदेश में महिलाएं आज हर क्षेत्र में नेतृत्व कर प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं। प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर पंचायत और नगरीय निकायों तक नारी शक्ति निर्णायक भूमिका में नजर आ रही है। प्रदेश के 17 जिलों में महिला कलेक्टर, तो 12 हजार 319 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच प्रशासन की कमान संभाल रही हैं। वहीं नगरीय निकायों और शासकीय सेवाओं में भी 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को मिला हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित “सशक्त नारी–समर्थ नारी संवाद कार्यक्रम” के दौरान कहा— “आज महिलाएं नहीं, बहनें मेरे घर आई हैं।” इस अवसर पर प्रबुद्ध महिलाएं, आजीविका मिशन से जुड़ी बहनें और ड्रोन दीदियां मुख्यमंत्री निवास पहुंचीं।

प्रदेश के 9 नगरीय निकायों में महिलाएं महापौर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां 17 जिलों में बहनें कलेक्टर हैं, वहीं प्रदेश के 16 में से 9 नगरीय निकायों में महिलाएं महापौर के रूप में नेतृत्व कर रही हैं।

आंकड़े नारी सशक्तीकरण की मजबूती को दर्शाते हैं—

7,321 पार्षदों में 4,154 महिलाएं
875 जिला पंचायत सदस्यों में 519 महिलाएं
6,771 जनपद पंचायत सदस्यों में 4,068 महिलाएं
12,319 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच
प्रदेश की 22,923 ग्राम पंचायतों में से 12,319 पंचायतों की कमान महिला सरपंचों के हाथों में है। इसके अलावा कई जिलों में महिलाएं एसपी, नगर निगम अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रही हैं।
यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि आधी आबादी अब केवल भागीदार नहीं, बल्कि निर्णयकर्ता बन चुकी है।
महिला सशक्तीकरण को आर्थिक मजबूती
राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है—

महिलाओं को उद्योग स्थापित करने पर विशेष सब्सिडी
महिलाओं के नाम संपत्ति पंजीयन पर दो प्रतिशत अतिरिक्त छूट स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा

देशभक्ति गीत से जीता दिल, 51 हजार से सम्मान

कार्यक्रम में बेटी सरगम कुशवाह ने मधुर देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर सभी को भावुक कर दिया। मुख्यमंत्री ने सरगम को 51 हजार रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहन-बेटियों से इस प्रकार का संवाद आगे भी लगातार जारी रहेगा।

बड़ी बहन को दिया सफलता का श्रेय

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा का श्रेय बड़ी बहन कलावती यादव को देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और सहयोग ने ही आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा— “मां और बहन के संस्कार, प्रेम और हौसले से ही जीवन की राह बनती है। हमारे परिवार में बहू भी बेटी के समान है और दोनों समान सम्मान की हकदार हैं।”

मुख्यमंत्री ने इन अहम बिंदुओं पर रखी बात

पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के लिए 25 एकड़ तक भूमि लीज पर
आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों की MBBS फीस (70–80 लाख) सरकार जमा कर रही
सूक्ष्म से लेकर हैवी इंडस्ट्री तक महिलाओं को हरसंभव सहयोग

प्रदेश में लागू 18 नई नीतियों में महिलाएं केंद्र में
लाड़ली बहना योजना से घर-परिवार और समाज में सकारात्मक बदलाव मध्य प्रदेश में नारी शक्ति अब केवल सामाजिक बदलाव की प्रतीक नहीं, बल्कि प्रशासन, नीति और नेतृत्व की मजबूत धुरी बन चुकी है। यह सशक्तिकरण प्रदेश को संवेदनशील, संतुलित और सशक्त भविष्य की ओर ले जा रहा है।

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