
जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल WCR महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशानुसार तकनीक का उपयोग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से कार्य किये जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में पश्चिम मध्य रेल पर वर्ष 2025 में संरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं ऊर्जा संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है.
कटनी में भारतीय रेल का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर : अप ग्रेड सेपरेटर का कार्य पूर्ण
रेलवे प्रमुख परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर रहा है। इसी क्रम में जबलपुर मंडल के अंतर्गत कटनी में भारतीय रेलवे का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर (वायाडक्ट) निर्माणाधीन है। पूर्ण होने पर यह भारतीय रेलवे का सबसे लंबा रेलवे वायाडक्ट होगा।
कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना की कुल लंबाई 33.40 किमी और अनुमानित लागत लगभग 1800 करोड़ रुपये है। मध्य वृत्त के रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा अगस्त 2025 में 15.85 किमी लंबे अप ग्रेड सेपरेटर पर रेल संचालन की अनुमति प्रदान की गई है, जिससे कटनी ग्रेड सेपरेटर पर आंशिक रेल परिचालन प्रारंभ हो गया है। इस खंड में 260 गर्डर लॉन्चिंग, 254 डेक कास्टिंग, 254 बैलेस्ट रिटेनर, 264 ओएचई मास्ट पेडेस्टल तथा 82 ट्रॉली रिफ्यूज स्पैन जैसे प्रमुख कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। वर्तमान में 17.52 किमी लंबे डाउन ग्रेड सेपरेटर का कार्य तीव्र गति से जारी है। यह परियोजना पश्चिम मध्य रेलवे की अधोसंरचनात्मक क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
प्रमुख लाभ
बीना–कटनी रेलखंड पर मालगाड़ियों की गति एवं परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि
– कटनी, न्यू कटनी जंक्शन और कटनी मुड़वारा जैसे व्यस्त स्टेशनों का बायपास, जिससे निर्बाध रेल आवागमन
– समय की बचत से पश्चिम मध्य रेलवे के राजस्व में वृद्धि
– बीना से न्यू कटनी जंक्शन तक सीधी एवं बेहतर कनेक्टिविटी
– क्षेत्रीय उद्योगों, रोजगार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन
इसके अलावा कटनी का साउथ स्टेशन का सौंदर्यीकरण व कटनी मुड़वारा का उन्नयन भी प्रमुख उपलब्धि रही।
कोटा ने रचा इतिहास : भारत का पहला “कवच 4.0” कॉरिडोर
वर्ष 2025 पश्चिम मध्य रेलवे के *कोटा मंडल* के लिए रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक वर्ष सिद्ध हुआ। 30 जुलाई 2025 को कोटा मंडल ने भारतीय रेल की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली “कवच 4.0” का देश में पहली बार सफल कमीशनिंग कर इतिहास रच दिया। इसके पश्चात, कोटा कवच टीम ने मिशन मोड में कार्य करते हुए 27 अक्टूबर 2025 को कोटा-नागदा रेलखंड (225 किलोमीटर) पर कवच 4.0 की सफल कमीशनिंग करी। इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर मथुरा से नागदा तक कुल 549 किलोमीटर लंबा संपूर्ण रेलखंड कवच 4.0 से सुरक्षित हो गया। यह उपलब्धि कोटा को देश का पहला सबसे तेज और सबसे लंबा कवच 4.0 कॉरिडोर प्रदान करती है। पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन के चलते 549 किलोमीटर लंबे इस कवच 4.0 कॉरिडोर को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया, जिसे अब भारतीय रेलवे के अन्य जोन एवं मंडल भी अपनाकर दोहरा रहे हैं। कोटा कवच टीम ने अनेक जटिल तकनीकी चुनौतियों का समाधान कर इस अत्याधुनिक प्रणाली को परिकल्पना से धरातल पर साकार किया।
कवच भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली है, जिसे ऑपरेशनल सेफ्टी का उच्चतम स्तर प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। कवच, निर्धारित गति सीमा से अधिक होने या सुरक्षा खतरा होने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर लोको पायलटों की सहायता करता है। इस प्रकार, यह दुर्घटनाओं को रोकने और खराब मौसम की स्थिति में भी सुरक्षित ट्रेन परिचालन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
मियाना रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025
पश्चिम मध्य रेल, *भोपाल मंडल* के मियाना रेलवे स्टेशन ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (NECA) 2025 प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह प्रतिष्ठित सम्मान 14 दिसंबर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया, जिसे पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय ने ग्रहण किया।
मियाना स्टेशन पर LED आधारित ऊर्जा-दक्ष प्रकाश व्यवस्था, BLDC पंखों की स्थापना तथा 30–70% स्मार्ट लाइटिंग सर्किट संचालन प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन से 10,000 यूनिट से अधिक वार्षिक विद्युत बचत संभव हुई। यह पुरस्कार ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा प्रदान किया गया। यह उपलब्धि पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक के मार्गदर्शन, मंडल रेल प्रबंधक श्री पंकज त्यागी के नेतृत्व एवं वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) के तकनीकी निर्देशन के साथ-साथ विद्युत विभाग की समर्पित टीम के सतत प्रयासों का प्रतिफल है, जिसने पश्चिम मध्य रेलवे को ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान दिलाई हैं।







