
नई दिल्ली:संसद में वंदे मातरम् बहस: अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-‘नेहरू और इंदिरा गांधी ने तुष्टीकरण और दमन किया। संसद में वंदे मातरम् पर जारी बहस सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरुआत के बाद आज दूसरे दिन भी जोर पकड़ती रही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और विपक्ष पर तीखे आरोप लगाए।
अमित शाह ने क्या कहा?
अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम् की आवश्यकता स्वतंत्रता संग्राम के समय से थी और यह आज भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने विदेशी आक्रमण और अंग्रेजी शासन के सांस्कृतिक प्रभावों के बीच भारतीय सांस्कृतिक जागरण का संदेश दिया। शाह ने मातृभूमि का वंदन भारतीय परंपरा का मूल बताया और इसे प्रभु श्रीराम, आचार्य शंकर और चाणक्य से जोड़कर समझाया।
नेहरू पर निशाना
अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि वंदे मातरम् की स्वर्ण जयंती पर नेहरू ने इसे दो हिस्सों में बांट दिया और देश में तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। शाह ने कहा कि अगर ऐसा न हुआ होता तो देश का विभाजन भी नहीं होता।
इंदिरा गांधी के कार्यकाल पर टिप्पणी
उन्होंने आरोप लगाया कि वंदे मातरम् के 100 वर्ष पूरे होने पर इंदिरा गांधी ने इसे बोलने वालों को जेल भेजा, आपातकाल लगाया, विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं को कैद किया, अखबारों पर ताले लगाए और पूरे देश को बंद कर दिया।
कांग्रेस पर हमला
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले समय में संसद में वंदे मातरम् का गान बंद कर दिया गया था। उन्होंने 1992 में भाजपा सांसद राम नाईक के प्रयासों का जिक्र किया, जिन्होंने इसे फिर से संसद में शुरू कराने की मांग उठाई थी।






