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स्तीफे के साथ ही येदियुरप्पा के नाम दर्ज हो गया अनचाहा रिकार्ड

राजनीतिक डेस्क। कर्नाटक में भाजपा सरकार गिरने के साथ ही बी एस येदियुरप्पा की बदकिस्मती का किस्सा फिर से आम हो गया। येदियुरप्पा तीसरी बार कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। दक्षिण में भाजपा के गठन से ही येदियुरप्पा भाजपा का बड़ा चेहरा रहे हैं। वे कुशीनगर से चुनाव लड़े और वहां से सात बार जीत चुके हैं। बीच में येदियुरप्पा दो बार सांसद भी रहे। लेकिन आज जो हुआ उसने साबित कर दिया कि वे देश के सबसे  बदकिस्मत मुख्यमंत्री हैं।

 

  • येदियुरप्पा पहली बार 2007 में  जेडीएस के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन तब सात दिन बाद ही कुमारस्वामी ने समर्थन वापस ले लिया था और उनको इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
  • कुछ महीने बाद चुनाव हुआ और येदियुरप्पा सबसे ज्यादा 110 सीटें लेकर आए लेकिन बहुमत के लिए फिर उनको कुछ विधायकों की जरूरत थी। हालांकि तब येदियुरप्पा ने जेडीएस और कांग्रेस के सात विधायकों से इस्तीफ़ा दिलवाकर बहुमत हासिल कर लिया था। लेकिन येदियुरप्पा उस कार्यकाल को भी पूरा नहीं कर पाए थे।
  • भष्ट्राचार के मामले में लोकपाल ने उन्हें दोषी करार दिया और येदियुरप्पा को न सिर्फ इस्तीफ़ा देना पड़ा बल्कि जेल भी जाना पड़ा। इस बार भी उनकी बदकिस्मती जारी रही और इस बार तो महज अढ़ाई दिन बाद ही सरकार खोनी पड़ी। इस तरह से येदियुरप्पा न चाहते भी देश के सबसे बदकिस्मत मुख्यमंत्री बन गए जिसने एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बार सरकार बनाने के बावजूद कार्यकाल पूरा नहीं किया।

 

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