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मेट्रो एवं सेल्‍बी अस्पताल में कैशलेश सुविधा प्राप्त CGHS मरीजों को भी लगाया जा रहा चूना

जबलपुर विशेष प्रतिनिधि। एक और जहां सुप्रीम कोर्ट ने गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में वृद्ध पेंशनधारियों के इलाज के कराने की छूट देकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इलाज की राशि भुगतान ना करने पर फटकार लगाते हुए इलाज में खर्च पैसे भुगतान करने के आदेश दिए हैं। वहीं जबलपुर में सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल एक सेवानिवृत्त कर्मी की पत्नी के हृदय संबंधी इलाज के लिए पैकेज के अतिरिक्त ?साठ हजार रुपए अलग से नगद की मांग कर रहे हैं।

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शिकायत मिलने पर एडिशनल डायरेक्टर ने जब निजी अस्पतालों के प्रबंधन को तलब किया तो एक अस्पताल के प्रबंधन प्रतिनिधि पहुंचे। लेकिन वह हां -हां, ना- ना के बीच अपना स्पष्टीकरण नहीं दे पाए ।जबकि दूसरे निजी अस्पताल के प्रबंधन ने एडिशनल डायरेक्टर सीजीएचएस के बुलावे को कोई तवज्जो नहीं दी और ना ही उनका कोई प्रतिनिधि स्पष्टीकरण देने पहुंचा ।

सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा के अनुसार कंचनपुर निवासी राम मिलन की पत्नी ह्रदय रोग से पीड़ित है। राम मिलन अपनी पत्नी के इलाज के लिए सीजीएचएस सूचीबद्ध अस्पताल क्रमशः मेट्रो हॉस्पिटल और शैल्बी हॉस्पिटल गए। जहां डॉक्टरों ने पैकेज के तहत कैशलेस इलाज के अतिरिक्त बायपास सर्जरी के लिए अलग से साठ हजार रुपए की मांग की ।

सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा को जानकारी लगने पर वह अपने प्रतिनिधि मंडल कुंवर सिंह, पी. के मल्होत्रा आर के गुप्ता और आर के मिश्रा आदि के साथ जबलपुर में पदस्थ अपर निदेशक श्री नाशिकर के पास पहुंचे। उन्होंने इस मामले की शिकायत की ।

श्री नाशिकर ने शिकायत मिलने पर दोनों निजी अस्पतालों के प्रबंधन को स्पष्टीकरण के लिए बुलाया ।जिसमें शैल्बी अस्पताल के प्रति निधि उनके पास पहुंचे। लेकिन साफ स्पष्टीकरण नहीं दे पाए। वही मेट्रो अस्पताल की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उनके पास नहीं पहुंचा ।

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बहरहाल एसोसिएशन ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को करते हुए कहा है कि जब सीजीएचएस लाभार्थी को कैशलेस सुविधा प्राप्त है और विभाग द्वारा निजी अस्पतालों को पैकेज के तहत इलाज की राशि भुगतान की जाती है। तब लाभार्थी से नगद राशि ,वह भी इतनी बड़ी मात्रा में क्यों मांगी जा रही है ।ऐसोशियेशन ने तत्काल ही ऐसी निजी अस्पतालों कि मान्यता समाप्त करने की मांग की है।

इनका कहना 
शैल्बी और मेट्रो अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिली है। दोनों अस्पताल के प्रबंधन को बुलावा भेजा था ।लेकिन मात्र शैल्बी अस्पताल का प्रतिनिधि आया था ।जबकि मेट्रो अस्पताल का कोई प्रतिनिधि नहीं आया। दोनों अस्पतालों को पत्र लिखकर लिखित स्पष्टीकरण मांगा जाएगा । जो जवाब मिलेगा वह निदेशालय को जानकारी एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया जाएगा।
श्री नाशिकर
एडिशनल डायरेक्टर सीजीएचएस जबलपुर

हम जितने भी उपचार करते हैं पैकेज के अनुसार ही करते हैं। ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं है। शिकायत के संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है। एडीशनल डायरेक्टर स्पष्टीकरण मांगेंगे तो उसका जवाब दिया जाएगा।
डॉ चन्दशेखर नियोगी
निदेशक
शैल्वी हस्पिटल जबलपुर

हमारे पास कोई आया नहीं। जिस मरीज की आप बात कर रहे हैं उसका बायपास नहीं होना था। मरीज शैल्बी हास्पिटल चला गया था। हमारे यहां एडीशनल डायरेक्टर के यहां से कोई बुलावा नहीं आया है। पत्र आने पर जवाब दे दिया जाएगा।
राजीव बड़ेरिया
डायरेक्टर
मेट्रो हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंंटर

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