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मि‍ल गई लक्ष्‍मी की दोनों बेटि‍यां दीपावली और सोना, कोई न पहचाने इसलिए सिर मुंडवा कर बच्‍चा चोर गि‍रोह ले जा रहे थे हरि‍याणा

 रतलाम। मि‍ल गई लक्ष्‍मी की दोनों बेटि‍यां दीपावली और सोना, कोई न पहचाने इसलिए सिर मुंडवा कर बच्‍चा चोर गि‍रोह हरि‍याणा ले जा रहे थे। पीरगेट माता मंदिर के पास से कन्याभोज में ले जाने के बहाने अगवा की गई दोनों सगी बहनें को सोमवार देर रात पुलिस ने कोलार से बरामद कर लिया है। बच्चियों को अगवा करने वाला हरियाणा और केरल के सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपित बच्चियों को शहर से बाहर निकालने की तैयारी में उनको सिर के बाल मुंडवाकर गंजा कर दिया गया था। अपहरणकर्ता इन बच्चियों को शहर से बाहर ले जा पाते, उससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने पूरे गिरोह को दबोच लिया।

बच्‍चा चोर गि‍रोह का पर्दाफाश

इस गिरोह को एक दंपती संचालित करते थे। इसके सदस्यों में हरियाणा की एक महिला उसका भाई और बहन भी शामिल थे। जो बच्चों को अगवा कर उसे बाहर भेजा करते थे। पुलिस ने उनके पास से करीब पचास लाख रुपये कीमत की एक विदेशी ब्रांड की कार भी बरामद की है। आरोपित करीब छह माह से शहर में थे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी। अब पुलिस इस गिरोह की गिरफ्तारी के बाद आरोपितों से पूछताछ कर रही है।

बता दें कि पुलिस ने दोनों बच्चियों की तलाश के लिए अपनी क्राइम ब्रांच, साइबर क्राइम, कोतवाली और हनुमानगंज थाना की टीमों को लगा रखा था। पुलिस करीब 155 के करीब सीसीटीवी खंगालने के बाद रूट मैप बनाकर कोलार की कवर्ड कैंपस कालोनी इंग्लिश विला कालोनी में रहने वाले आरोपितों तक पहुंच गई।

गिरफ्तार आरोपितों में हरियाणा निवासी 32 वर्षीय अर्चना सिंह उसका पति केरल निवासी 35 वर्षीय निशांत, उसकी बहन मुस्कान और भाई सूरज शामिल थे। अर्चना के खुद तीन बच्चे हैं, जिनमें 15 साल की बड़ी लड़की है और तीन साल का लड़का और एक ढाई माह का बच्चा है। आरोपित निशांत 12 वीं तक पढ़ा है, महिला भी कुछ नहीं करती है। लेकिन विदेशी ब्रांड की कार से रेकी करते थे।

साढ़े सात हजार में किराये पर लिया था कमरा

आरोपितों ने साढ़े सात हजार रुपये में इंग्लिश विला कालोनी में रूपेश सोनी का मकान किराये पर लिया था। उस मकान में यह करीब सात माह से रह रहे थे। उनका रहने का क्या कारण था? अभी कितने बच्चों को अगवा किया है? और उनका बच्चों को इस तरह से अगवा करने का कारण क्या था? ऐसे कई सवालों के जवाब अभी मिलना बाकी हैं।

यह है मामला

उल्लेखनीय है कि रतलाम निवासी मुकेश आदिवासी एक महीने पहले ही अपनी पत्नी लक्ष्मी, आठ साल की बेटी काजल, बेटा संदी और बेटी सोना और 11 महीने की बेटी दीपावली के साथ लाल घाटी के बरेला गांव में रहने आया है। वह रिश्तेदार के घर पर रहकर मजदूरी कर रहा था। शनिवार को सुबह मुकेश की पत्नी लक्ष्मी माता मंदिर में बैठी थी, उसके पास दो महिलाएं आती और काजल और दीपावली दोनों बेटियों को कन्याभोज कराने के नाम पर अगवा करके ले गई थी। तब से क्राइम ब्रांच समेत चार टीमें उनकी तलाश में लगी थी।

मानव तस्करी से जुडे़ हो सकते हैं तार

डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि पूरा मामला शुरुआती जांच में है। इसके लिए आरोपितों से पूछताछ जारी है, लेकिन बच्चों की पहचान छिपाने के लिए उनके सिर मुंडवा दिए गए हैं। अत: मानव तस्करी से इन्कार नहीं किया जा सकता। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह पहले भी बच्चों को अगवा करने में दिल्ली में पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।

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