महागठबंधन की रैली में मायावती, अखिलेश ने भाजपा को जमकर कोसा

सहारनपुर। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा किआजकी इस अपार भीड़ की जानकारी जब पीएम को मिलेगी तो वो पगला जाएंगे। उसके बाद वो कुछ और बोलने लग जाएंगे। इस बार उत्तर प्रदेश से भाजपा जा रही है और गठबंधन आ रहा है। कांगेस की गलत नीतियों की वजह से उसकी यह हालत हुई है। इसी तरह भाजपा भी गलत नीतियों की वजह से वह सत्ता से बाहर हो जाएगी। भाजपा ने चुनावी वायदों को अभी तक पूरी नहीं किया है। आरक्षित वर्ग को आरक्षण का लाभ सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है। आरक्षित वर्ग और मुस्लिम की भी हालत इस सरकार में खराब हुई है। मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का साथ दिया है।View image on Twitter

Mayawati, in Saharanpur’s Deoband: I’m warning, especially people of Muslim community, that Congress isn’t in a position to fight BJP in UP. Only ‘gathbandhan’ can fight BJP. Congress knows this but they’re going by mantra ‘Hum jeete ya na jeete, gathbandhan nahi jeetna chahiye’.42313:56 – 7 Apr 2019333 people are talking about thisTwitter Ads information and privacy
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि ये चुनाव परिवर्तन का चुनाव है। हमारी सीमाएं अभी भी सुरक्षित नहीं है और हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। ये चुनाव नफरत की दीवार को गिराने का चुनाव है। उन्होनें लोगों से अपील की, कि एक भी वोट बंटने न पाए। अंग्रेजों से ज्यादा लोगों को बांटने का काम भाजपा ने किया है। कांग्रेस की नियत बदलाव लाने की नहीं है।

Bhim Army supporters seen at Samajwadi Party-Bahujan Samaj Party-Rashtriya Lok Dal alliance rally in Saharanpur’s Deoband. #LokSabhaElections201927113:15 – 7 Apr 201981 people are talking about thisTwitter Ads information and privacyसहारनपुर के देवबंद में विपक्ष अपना दम-खम दिखा रहा है। रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व रालोद मुखिया चौ. अजित सिंह एकसाथ एकमंच पर उपस्थित थे। तीनों नेता चार्टर प्लेन से सरसावा एयरबेस पहुंचे। वहां से हेलीकाप्टर से रैली स्थल पर गए।
पहले चरण के लिए गठबंधन के तीनों नेताओं की यही एकलौती रैली थी। ऐसे में तीनों नेता एक साथ आकर अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को भी बड़ा संदेश देने की कोशिश की, कि वो एक हैं और आप भी एक हो जाएं। अगर सहारनपुर में एक प्रयोग सफल रहता है तो गठबंधन के लिए आगे की राह काफी आसान होने की संभावना है। पहले चरण से बने माहौल को सूबे की बाकी हिस्सों में गठबंधन कैश कराने की कोशिश करेगा।
उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि गठबंधन की तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता एक ही मंच पर थे। तीनों नेताओं ने देवबंद में रैली को संबोधित किया। देवबंद में रैली सहारनपुर-मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे स्थित कासिमपुरा गांव के तिब्बियां कालेज के निकट मैदान में आयोजित की गई। देवबंद नगरपालिका अध्यक्ष व बसपा नेता जियाउद्दीन अंसारी ने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा रालोद मुखिया चौ. अजित सिंह लखनऊ से चार्टर प्लेन से चलकर सरसावा एयरबेस पहुंचें।
25 साल बाद सहारनपुर
गौरतलब है इस बार लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही सपा के साथ बसपा की पहली ऐसी सभा करीब 25 साल बाद देवबंद में हुई। तीनों दलों के गठबंधन के बाद लोकसभा चुनाव के लिए यह पहली संयुक्त रैली है। सहारनपुर में पहले चरण में 11 अप्रैल ( गुरुवार) को वोटिंग होगी। इस बार गठबंधन का प्रयास जाट-मुस्लिम को एक साथ लाने का है। अजित सिंह के साथ राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी रैली को संबोधित किया।
इस्लामिक शिक्षा के बड़े केंद्र देवबंद पर सभी की निगाहें हैं। 11 अप्रैल के मतदान के ठीक चार दिन पहले आज यहां बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह गठबंधन के उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहमान के पक्ष में चुनावी सभा की गई।
उत्तर प्रदेश सपा-बसपा ने जब-जब हाथ मिलाया है तब-तब भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। सूबे में 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन का दौर था, लेकिन मुलायम-कांशीराम ने 1993 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर मैदान ने उतरे तो भाजपा का पूरी सफाया हो गया। उत्तर प्रदेश में 2018 के लोकसभा उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा ने भाजपा को हराया था।
पश्चिम उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 8 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान होंगे। इनमें सहारनपुर, कैराना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर सीट है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन आठों सीटों को भाजपा ने जीता था। कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मात खानी पड़ी थी और बसपा-सपा के समर्थन से आरएलडी ने जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी।
कैसा मिजाज है सहारनपुर सीट का मिजाज
पश्चिम यूपी के सहारनपुर संसदीय सीट के अंतर्गत देवबंद के अलावा बेहट, सहारनपुर, सहारनपुर देहात और रामपुर मनिहारन विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर मुस्लिमों की आबादी अच्छी खासी है। सपा-बसपा गठबंधन ने यहां से हाजी फजलुर रहमान को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने इमरान मसूद को टिकट दिया है। भाजपा ने सांसद राघव लखनपाल को उतारा है। इमरान मसूद ने 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 4.07 लाख वोट हासिल किए थे। इसके बाद भी भाजपा के राघव लखनपाल ने करीब 66 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार यहां ऐसे में इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां मुस्लिम बंटने की संभावना बेहद अधिक दिख रही है।