निर्माणाधीन दवा बाजार मामले में तीन के खिलाफ मामला दर्ज, महिला मजदूर की हुई थी मौत

जबलपुर। ओमती थानांतर्गत शास्त्री ब्रिज से नेपियर टाउन जाने वाले मार्ग पर स्थित निर्माणाधीन दवा मार्केट के 40 फीट गहरे बेसमेंट में काम करने के दौरान पिछले दिनों मिट्टी धसकने से एक महिला मजदूर उसमें दब गई थी जिसमें उसकी मौत हो गई थी जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस मामले में ओमती पुलिस ने जांच पड़ताल और पीएम रिपोर्ट के बाद ठेकेदार गणेश शर्मा, सीताराम शर्मा और सुपरवाईजर विजय जांगड़े के खिलाफ धारा 288, 304 ए, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
ज्ञात हो कि विगत मंगलवार को नेपियर टाउन मार्ग पर आशीष जैन के निर्माणाधीन दवा मार्केट में काम करने के दौरान मिट्टी धंसकने से वहां काम कर रही महिला मजदूर रानी बाई की मौत हो गई थी और कुंवर सिंह परस्ते नाम का मजदूर घायल हो गया था। महिला की मौत से गुस्साने के बाद घटना के विरोध में मजदूरों ने रामपुर चौक पर रानी का शव रखकर प्रदर्शन करते हुए लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। मामले में घटना की चश्मदीद मजदूरों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी जो कल पुलिस को मिल गई। जिसके चलते पुलिस ने लापरवाही तीनों लोगों पर मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
इसके पहले भी हो चुकी हैं दो घटनाएं
ओमती थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के पूर्व भी दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं। केमतानी बिल्डर्स के द्वारा बरगी हिल्स के समीप बनाये जा रहे निर्माणाधीन होटल में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है जिसमें 2 मजदूरों की मौत हो गई थी। हालांकि इस मामले में पुलिस ने केमतानी और उसके बेटे को नागपुर से गिरफ्तार कर लिया था और वे अभी भी सींखचों के पीछे हैं।
बरगी में पिलर के नीचे दबकर मजदूर की मौत
इसी तरह बरगी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बरबटी व डुंगरिया ग्राम के बीच बने एक पुराने पोल्ट्री फार्म की ईंटें निकालते समय एक पिलर मजदूर पर गिर गया था जब तक आसपास के लोग मौके पर पहुंचकर उसे मलबे से बाहर निकालते मजदूर की मौत हो चुकी थी इस संबंध में आज जब पुलिस से संपर्क किया गया तो पुलिस का कहना था कि अभी इस मामले में किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है बल्कि मामले की जांच चल रही है। मृतक बरबटी का रहने वाला 45 वर्षीय हेमराज पिता आशाराम मरावी था। जिसका ठेकेदार इसी गांव का जयराम यादव बताया जा रहा है। ठेकेदार ने ही हेमराज को ईंट निकालने के काम पर लगाया था जिसके चलते वह हादसे का शिकार हो गया। मजदूर के ऊपर पिलर गिरने की आवाज सुनकर पास के खेत में काम कर रहे लोग मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक हेमराज दम तोड़ चुका था। एक के बाद एक घटनाओं से ये बात तो साफ हो गई है कि बड़ी-बड़ी इमारते खड़ी करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के कोई उपाय नहीं करते। यह बात नगर निगम के अधिकारी भी स्वीकारते हैं। दवा बाजार मामले में नगर निगम ने जो अनुमति दी है और निर्माण के दौरान जो सावधानी बरती जानी चाहिए थी वह वहां नजर नहीं आयीं। जिस प्रकार दूसरे भवनों से सटाकर खुदाई करायी जा रही थी उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियमों का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है। एक बार अनुमति देने के बाद निगम के अधिकारी पलटकर नहीं देखतेकि निर्माण स्तर पर मजदूरों की सुरक्षा के इंतजाम हैं या नहीं।