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इस साल वैध हो जाएंगी शहर की अवैध कालोनियां

कटनी। राज्य सरकार प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को इसी साल वैध करेगी। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगरीय निकायों को गाइडलाइन के तहत जल्द प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। अवैध कालोनियों का सर्वे पूरा हो चुका है। निकायों ने अपनी रिपोट्र शासन को सौंप दी है। प्रदेश में साढे चार हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां सामने आई हैं।

इनमें कटनी की अवैध कालोनियां भी शामिल हैं। नगरीय प्रशासन द्वारा निकायों को जारी निर्देश के अनुसार तय गाइडलाइन के तहत सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर सभी दस्तावेजों के साथ वैधता की जानकारी दी जानी है। जानकारी के अनुसार सर्वे में ऐसी अवैध कालोनियां जहां सिर्फ 10 प्रतिशत ही मकानों का निर्माण किया गया उन्हें भी अधिसूचित कर दिया गया है। अब नियमितिकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सर्वे के दौरान ही रहवासियों से सुझाव और आपत्तियों पर भी चर्चा पूरी कर ली गई है।

ऐसी होगी वैध होने की प्रक्रिया
प्रदेश में जहां एक हजार वर्गफीट से कम क्षेत्र में न्यूनतम 70 प्रतिशत मकान बनाएं गए है। ऐसी कालोनियों के रहवासियों को 20 प्रतिशत विकास के लिए राशि संबंधित नगरीय निकायों में जमा करना होगी। शेष 80 प्रतिशत राशि नगर निगम और नगर पालिका द्वारा दी जाएगी। बाकी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए रहवासियों और संबंधित नगरीय निकायों को विकास राशि का 50 प्रतिशत निकाय और शेष 50 प्रतिशत राशि रहवासियों को देनी होगी। इस दौरान विकास राशि नहीं मिलने या देरी होने की स्थिति में भी कॉलोनी रहवासियों को निकायों द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं बिलजी, पानी सप्लाई, सड़क निर्माण, साफ -सफाई आदि बंद नहीं की जाएगी। वहीं वैध होने वाली कॉलोनियों से मिलने वाला राजस्व संपत्ति कर, भवन अनुज्ञा, जलकर भी उसी कॉलोनी के विकास के लिए खर्च किया जाएगा। अभी नगरीय निकाय प्राप्त राजस्व को अपने हिसाब से खर्च करता है। इसके बाद अनुमति के विरुद्ध निर्माण होने पर कार्रवाई भी की जाएगी।

इस तरह देना होगा विकास शुल्क
– तीन लाख या इससे अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम क्षेत्र-2 लाख 50 हजार रूपये (प्रति हेक्टर)
– तीन लाख के कम वाले नगर निगम क्षेत्र-1 लाख रूपये (प्रति हेक्टर)
– नगरपालिका क्षेत्र- 50 हजार रूपये (प्रति हेक्टर)
– नगर परिषद-25 हजार रूपये(प्रति हेक्टर)

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