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अब पेंशनर्स सालभर में कभी भी दे सकेंगे जीवित होने का प्रमाण

epfo member epfo unified epfo employer loginभविष्य निधि की पेंशन जारी रखने के लिए पेंशनर्स को जहां हर साल 1 नवंबर को अपने जीवित होने का प्रमाण अनिवार्य है। उस नियम को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने खत्म कर दिया है। विभाग ने पेंशनर्स को सालभर में कभी भी लाइफ सर्टीफिकेट प्रस्तुत करने की सुविधा दी है। बरसों पुराने इसे नियम अक्टूबर में बदला है। यह कदम बढ़ते संक्रमण को लेकर विभाग ने उठाए हैं। ताकि कार्यालय में भीड़ न उमड़े और शारीरिक दूरी का पालन हो सके।

नियमानुसार 1 नवंबर से जीवित प्रमाण पत्र के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। कार्यालय के अलावा बुजुर्गों के लिए विभाग ने घर पहुंच सेवा भी शुरू कर रखी थी। हर साल जनवरी तक प्रक्रिया चलती थी। मगर इस बार कोरोना की वजह से विभाग ने अक्टूबर में सर्टीफिकेट से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। अधिकारियों के मुताबिक पेंशनर्स कभी दिसंबर तो कभी जनवरी में जीवित होने का प्रमाण देते है।

अब पिछले प्रमाण पत्र की तारीख से उसे एक साल के लिए मान्य किया जाएगा। नए नियमों के हिसाब पेंशनर्स को 1 नवंबर को कार्यालय पर आना जरूरी नहीं है। पीएफ आयुक्त अमरदीप मिश्रा का कहना है कि बायोमैट्रिक पद्धति के जरिए पेंशनर्स को जीवित प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था को लेकर अभी मुख्यालय से कोई निर्देश मिले है। कोरोना की वजह से वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके लिए गाइडलाइन जारी करने का कहा है, जो अगले सप्ताह तक आएंगे।

भेजेंगे एसएमएस

प्रमाण पत्र के लिए कार्यालय पर भीड़ न हो इसके लिए भी विभाग ने अलग व्यवस्था कर दी है। अब पेंशनर्स को एसएमएस भेजकर कार्यालय में बुलाया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक विभाग हर महीने पेंशनर्स की लिस्ट तैयार करेंगा। उसके आधार पर 50-50 पेंशनर्स को बुलाएंगे। ताकि ज्यादा भीड़ न हो सके।

दो लाख पेंशनर्स को मिलेगी सुविधा

नियमों में बदलाव होने से इंदौर और आस-पास के लगभग दो लाख पेंशनर्स को लाभ हुआ है। वे अपनी सुविधानुसार आकर जीवित प्रमाण दे सकते है। पहले इन्हें प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए घंटों तक लाइन में लगना पड़ता था। जबकि पूरे प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा पेंशनर्स है।

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