बेंगलुरु। चंद्रयान-2 की लैंडिंग के समय में थोड़ा सा बदलाव किया गया है। पहले लैंडिंग का समय एक बजकर 55 मिनट था। अब एक बजकर 52 मिनट पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग होगी। इसके पीछे की पूरी वजह नहीं पता चल पाई है। समय में बदलाव के पीछे तकनीकी कारण बताए जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी इसरो के मुख्यालय पहुंच चुके हैं अब 25 मिनट का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
11:31 PM, 06-SEP-2019
‘चंद्रयान-2′ का लैंडर ‘विक्रम’ शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा। इस क्षण के गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बंगलूरू पहुंच गए हैं। सीएम बीएस येदियुरप्पा ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया।
हमारे वैज्ञानिकों का दम देखेगी दुनिया : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 मिशन की सफलता का गवाह बनने बंगलूरू में इसरो केंद्र पहुंच गए हैं। उनके साथ क्विज प्रतियोगिता के जरिये चुने गए 70 छात्र भी हैं। ये इसरो की टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क से सतह पर उतरने का नजारा देखने पहुंचे हैं। बंगलूरू रवाना होने से पहले पीएम ने वैज्ञानिकों को बधाई दी। पीएम ने कहा कि लोग चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखें और तस्वीर क्लिक कर ट्वीट करें। पीएम ने कहा, 130 करोड़ हिंदुस्तानी इस पल का इंतजार कर रहे थे। भारत और दुनिया एक बार फिर हमारे वैज्ञानिकों के दम को देखेगी।
इस क्षण की प्रतीक्षा इसरो के वैज्ञानिकों के साथ ही दुनिया को भी है। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। इसरो के चीफ के सिवन ने बताया है कि मिशन चंद्रयान योजना के मुताबिक ही आगे बढ़ रहा है। उन्होंने जानकारी दी है कि चंद्रयान के लैंडिंग की प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य गति से चल रही है।
‘चंद्रयान 2’ के लैंडर ‘विक्रम’ की चांद पर प्रस्तावित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ घंटों पहले इसरो अध्यक्ष के सिवन ने बताया कि इस बहुप्रतीक्षित लैंडिंग के लिए चीजें योजना के अनुसार आगे बढ़ रही हैं। सिवन ने कहा कि हम इसका (लैंडिंग का) बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है।
चंद्रयान-2 और चंद्रयान-1 में अंतर
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक
नंबी नारायणन ने कहा कि अगर आप चंद्रयान 2 की तुलना चंद्रयान 1 से करते हैं तो बुनियादी अंतर यह है कि यहां हम सॉफ्ट लैंडिंग कर रहे हैं। पहली वाली लैंडिंग पीएसएलवी से की गई थी और यहां हम जीएसएलवी एमके III का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि हमारे पास पहले सक कहीं ज्यादा पैलोड क्षमताएं हैं।
इसरो ने अपने ट्विटर हैंडिल पर भी लाइव लैंडिंग देखे जाने की जानकारी दी है। बताया गया है कि इसरो के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर चंद्रयान-2 की लाइव लैंडिंग को देखा जा सकता है। यूट्यूब चैनल सात सितंबर की तारीख में रात के एक बजकर 10 मिनट पर लाइव हो जाएगा। दूरदर्शन भी इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का मौका देगा। डीडी नेशनल चैनल पर रात के एक बजे से लाइव टेलिकास्ट होगा। इसके अलावा दूरदर्शन के ऑफिशल यूट्यूब चैनल पर भी लैंडिंग का लाइव प्रसारण होगा।
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