Latestमध्यप्रदेश

ठगा गया तहसीलदार का बेटा, और फिर गोली मारकर दे दी जान

ठगा गया तहसीलदार का बेटा, और फिर लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर दे दी जान

रीवा। बुजुर्ग ने बिना सोचे समझे जालसाजों के खातों में 50 से 60 हजार रुपए कई बार में ट्रांसफर कर दिए और जब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर बुुजुर्ग ने अपनी जान दे दी.

बता दें कि रीवा के घनी आबादी वाले मोहल्ले चोपड़ा स्कूल के पास रहने वाले 65 साल के एक बुजुर्ग के पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल दुबे किसी जमाने में तहसीलदार रहे थे. पिता की मौत के बाद उन्होंने उस बंदूक को अपने नाम ट्रांसफर करा लिया था. बुजुर्ग ने साइबर जालसाजों के हाथों अपना सब कुछ लुटाने के बाद इसी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की.

मृतक सरोज दुबे के पास पिछले दिनों पुलिस की वर्दी में फोन आया था, उन्हें करोड़ों रुपये देने की बात कही गई. वह लालच में आ गये. यहीं से ठगों ने अपना खेल शुरू किया.

जालसाजों द्वारा लगातार किए जा रहे पैसों के डिमांड से परेशान होकर बुजुर्ग सरोज दुबे ने इस बात की जानकारी अपने दामाद को दी थी. दामाद ने पैसा देने के बजाय पुलिस में शिकायत करना मुनासिब समझा. हालांकि जब तक परिवार पुलिस तक पहुंचता. बुजुर्ग ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मार कर आत्महत्या कर ली।

सिक्योरिटी गार्ड का करने वाले मृतक सरोज दुबे एक करोड़ रुपए के लालच पहले अपनी जमा-पूंजी ठगों के खातों में ट्रांसफर किए, फिर अपने दोस्तों से पैसे से उधार लेकर पैसे ट्रांसफर किए. बड़ी बात यह कि अपने साथ हुई हजारों रुपए की ठगी की बात बुजुर्ग ने अंत में दामाद से तब बताई, जब ठगों की डिमांड खत्म नहीं हो रही थी.

गौरतलब है रीवा में एंटीक सिक्कों के बदले आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. कुछ इसी तरीके से साइबर जालसाजों ने पिछले साल मऊगंज जिले में एक महिला को शिकार बनाया था. एंटीक सिक्कों को लेकर ही भारी-भरकम रकम पाने के लालच में एक महिला ने अपना सब कुछ लुटा दिया था, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली थी.

Back to top button