नई ‘पृथ्वी’? वैज्ञानिकों ने Alpha Centauri A में ऐसे ग्रह की खोज की जो ‘परिक्रामी उपग्रह’ के जरिए जीवन की संभावना बढ़ा सकता है
नई ‘पृथ्वी’? वैज्ञानिकों ने Alpha Centauri A में ऐसे ग्रह की खोज की जो ‘परिक्रामी उपग्रह’ के जरिए जीवन की संभावना बढ़ा सकता है

नई ‘पृथ्वी’? वैज्ञानिकों ने Alpha Centauri A में ऐसे ग्रह की खोज की जो ‘परिक्रामी उपग्रह’ के जरिए जीवन की संभावना बढ़ा सकता है।
गोल्डीलॉक्स जोन में स्थिति है ये ग्रह
वैज्ञानिकों का मानना है कि अल्फा सेंटॉरी AB का गोल्डीलॉक्स जोन में होना इसे पृथ्वी से परे जीवन की खोज में एक प्रमुख लक्ष्य बना सकता है, जहां लोगों का जीवन संभव है. साथ में यह खोज JWST की उन दूरस्थ ग्रहों को खोजने और उनका अध्ययन करने की अभूतपूर्व क्षमताओं को भी दर्शाती है, जो कभी एस्ट्रोनॉमर के लिए असंभव थे.
खगोल वैज्ञानिकों की राय
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खगोल वैज्ञानिक अनिकेत सांघी ने कहा कि हमने देखा कि सिमुलेशन में कभी-कभी ग्रह तारे के बहुत करीब चला जाता था और फरवरी और अप्रैल 2025 में वेब को दिखाई नहीं देता.
सांघी कहते हैं कि अगर इस ग्रह की पुष्टि हो जाती है, तो अल्फा सेंटॉरी A की वेब इमेज में दिख रहा संभावित ग्रह, ग्रहों की बाहरी तस्वीरों के अध्ययन के प्रयासों में एक नया मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि अब तक देखे गए सभी ग्रहों में से यह ग्रह अपने तारे के सबसे नजदीक होगा. सांघी कहते हैं कि यह ग्रह तापमान और आयु के मामले में हमारे सौरमंडल के विशाल ग्रहों के सबसे करीब है और हमारे ग्रह, पृथ्वी, के सबसे नजदीक है.
शनि के द्रव्यमान के बराबर है इसका द्रव्यमान
ग्रह की मध्यम-इन्फ्रारेड चमक और उसकी कक्षा सिमुलेशन के आधार पर, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक गैस दानव ग्रह हो सकता है, जिसका द्रव्यमान शनि के द्रव्यमान के लगभग बराबर है. यह ग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी के एक से दो गुना के बीच भिन्न-भिन्न दीर्घवृत्ताकार पथ पर अल्फा सेंटॉरी A की परिक्रमा कर रहा है.