श्रवण कुमार की प्रेरणा: माता-पिता को खाट पर बैठाकर मंदिर तक पहुंचाया, 20 किमी पैदल चले
श्रवण कुमार की प्रेरणा: माता-पिता को खाट पर बैठाकर मंदिर तक पहुंचाया, 20 किमी पैदल चले

श्रवण कुमार की प्रेरणा: माता-पिता को खाट पर बैठाकर मंदिर तक पहुंचाया, 20 किमी पैदल चले। बालाघाट के लांजी के भगवान कोटेश्वर धाम में क्षेत्र के अलावा दूर-दूर से कांवड़िए भगवान कोटेश्वर का जलाभिषेक करने पहुंचे। सोमवार को शाम करीब 5 बजे एक नजारा कोसमारा से लांजी के बीच दिखाई दिया जिसमें पुत्र अपने माता-पिता को कांवड़ में खाट में बिठाकर कोटेश्वर धाम जा रहे थे।
कहते हैं भक्ति और सेवा जब साथ चलें, तो वह दृश्य अद्वितीय बन जाता है।
श्रवण कुमार की प्रेरणा: माता-पिता को खाट पर बैठाकर मंदिर तक पहुंचाया, 20 किमी पैदल चले
सावन माह में भगवान शिव की भक्ति के ऐसे ही एक अलौकिक दृश्य ने हर किसी को भावुक कर दिया। लांजी के प्रसिद्ध कोटेश्वर धाम में जब तीन बेटों ने अपने वृद्ध माता-पिता को खाट पर बैठाकर 20 किलोमीटर पैदल यात्रा पूरी की, तो हर किसी को श्रवण कुमार की याद आ गई।
यह दृश्य सोमवार शाम को कोसमारा से लांजी के बीच दिखा। भीमराज नेताम, अनोत नेताम और दुर्गेश नेताम नामक 3 भाई अपने माता-पिता जयलाल नेताम और सुगन बाई नेताम को खाट पर बिठाकर कांवड़ यात्रा के रूप में कोटेश्वर धाम ले जा रहे थे। उनके साथ चाचा जलम नेताम और अन्य स्वजन भी थे।