
केरल के मुन्नार में सोनिया गांधी बीजेपी उम्मीदवार – कांग्रेस खेमे में कन्फ्यूजन और चर्चा तेज। भाजपा ने केरल के मुन्नार लोकल बॉडी चुनाव में सोनिया गांधी नाम की एक महिला को अपना कैंडिडेट बनाया है, जिससे UDF के लिए एक अजीब स्थिति पैदा हो गयी है। मुन्नार ग्राम पंचायत के वार्ड 16 से कैंडिडेट सोनिया गांधी का नाम उनके पिता स्वर्गीय दुरई राज ने आला कांग्रेस लीडर के नाम पर रखा था. दुरई राज एक प्लांटेशन वर्कर थे और पक्के कांग्रेसी कार्यकर्ता थे।
मजे की बात यह है कि दशकों बाद उस सोनिया गांधी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है।केरल के मुन्नार में सोनिया गांधी बीजेपी उम्मीदवार – कांग्रेस खेमे में कन्फ्यूजन और चर्चा तेज
सोनिया गांधी ने भाजपा पंचायत जनरल सेक्रेटरी सुभाष से शादी की थी. उन्हें लंबे समय से लोकल लेवल पर “दुरई राज की बेटी” के नाम से जाना जाता है।
कांग्रेस की मंजुला रमेश से है मुकाबला
हालांकि, उनके पति के एक्टिव पार्टी वर्कर बनने के बाद उन्होंने अपनी पॉलिटिकल वफादारी बीजेपी में बदल ली. डेढ़ साल पहले मुन्नार पंचायत उपचुनाव के दौरान, सुभाष ने ओल्ड मुन्नार मूलक्कड़ा से बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा था. आने वाले चुनाव में, सोनिया गांधी का मुकाबला कांग्रेस की मंजुला रमेश और CPM की वलरमथी से है।
कांग्रेस की ऑफिशियल कैंडिडेट, मंजुला रमेश, उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, जिससे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों जगह चर्चाएं तेज हो गई हैं.
केरल में दो चरणों में है पंचायत चुनाव
केरल में पंचायत और लोकल बॉडी के चुनाव 9 और 11 दिसंबर को दो चरण में होने हैं, जिसमें राज्य की 941 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक पंचायतें, 14 जिला पंचायतें, 87 नगर पालिकाएं और छह कॉर्पोरेशन शामिल हैं।
भाजपा की सोनिया गांधी उन 75,000 से ज्यादा उम्मीदवारों में से हैं जो 21,000 से ज्यादा वार्ड के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. ये उम्मीदवार लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF), और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) जैसे बड़े राजनीतिक मोर्चों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।केरल के मुन्नार में सोनिया गांधी बीजेपी उम्मीदवार – कांग्रेस खेमे में कन्फ्यूजन और चर्चा तेज
13 दिसंबर को होगी वोटों की गिनती
राज्य चुनाव आयोग की देखरेख में होने वाले ये चुनाव 13 दिसंबर को वोटों की गिनती के साथ खत्म होंगे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए नाम में समानता एक साइकोलॉजिकल कैंपेन चैलेंज है. हालांकि बीजेपी उम्मीदवार सोनिया गांधी को अपने परिवार की विरासत की वजह से इलाके में समर्थन मिल सकता है।
यह मिला-जुला नाम वोटों में बदलेगा या कन्फ्यूजन पैदा करेगा? यह तो काउंटिंग के दिन ही पता चलेगा, लेकिन इस मुकाबले ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।







