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SEBI Board Meeting: तुहिन कांत की अगुआई में शुक्रवार को होगा बड़ा फैसला, रिफॉर्म्स पर चर्चा तय; निवेशकों के लिए आ सकते हैं बड़े बदलाव

SEBI Board Meeting: तुहिन कांत की अगुआई में शुक्रवार को होगा बड़ा फैसला, रिफॉर्म्स पर चर्चा तय; निवेशकों के लिए आ सकते हैं बड़े बदलाव

SEBI Board Meeting: तुहिन कांत की अगुआई में शुक्रवार को होगा बड़ा फैसला, रिफॉर्म्स पर चर्चा तय; निवेशकों के लिए आ सकते हैं बड़े बदलाव। बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल की शुक्रवार को होने वाली अपनी बैठक में कई नियामकीय सुधारों पर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार इन सुधारों में कंपनियों के लिए न्यूनतम आईपीओ आवश्यकताओं में ढील देना और न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों को पूरा करने के लिए समयसीमा को बढ़ाना शामिल है।

 

सेबी के अनुसार, बैठक के एजेंडे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए अनुपालन को सरल बनाना, कुछ वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) में मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए विनियमन में ढील देना, रेटिंग एजेंसियों की गतिविधियों का दायरा बढ़ाना और आरईआईटी और इनविट को इक्विटी का दर्जा देना शामिल है।

इनमें से कई प्रस्ताव पहले ही सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जो विनियामक परिदृश्य को परिष्कृत करने की दिशा में व्यापक प्रयास का संकेत देते हैं। यह तुहिन कांत पांडे की अध्यक्षता में तीसरी बोर्ड बैठक होगी। उन्होंने 1 मार्च को पदभार ग्रहण किया था।

प्रस्ताव के तहत, 50,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये के बीच बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के लिए, नया न्यूनतम सार्वजनिक प्रस्ताव (एमपीओ) 1,000 करोड़ रुपये करने की बात कही गई है। यह निर्गम-पश्चात पूंजी का कम से कम 8 प्रतिशत होगा। इसमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) 25 प्रतिशत होगी। इसे वर्तमान तीन वर्षों के बजाय 5 वर्षों के भीतर हासिल किया जाना होगा।

बोर्ड भारतीय प्रतिभूति बाजार में भाग लेने के इच्छुक कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की पहुंच शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे सकता है। इसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और निवेश गंतव्य के रूप में देश के आकर्षण को बढ़ाना है।

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